कैसा ये जीवन दीप है
पल -छिन बुझता -जलता
सा ये मन का दीप है
ये कैसा, किसके जीवन का संगीत है
मर्म न जाने कोय
दिल में दर्द, गम की बदली
बिछोह की पगडंडी सी
विरह में जलती ये बाती सी
ये कैसी जीवन नीति
किसके जीवन का मीत
आंँखें अश्रुवन से पथ धोयें
न जाने ये दिल की कैसी प्रीति
किसके जीवन का कैसा ये मनमीत
प्रीति की ये कैसी है रीति
किसके प्रेम के मरहम की है टोह
कब मिटेगी तिमिर की घनघोर कालिमा
कब होगा सुख -पुंज के सूर्य की प्रंचड लालिमा
कब पूरी होगी नवीन उज्जवल सवेरे की आस की कामना।
धन्यवाद🙏