मेरी बर्बादी पर हंसने वाली
इक दिन ये गर्दिश के दिन सब पर आएंगे ।
ये गर्दिश के दिन तो इक दिन चले जाएंगे
ये हालत भी इक दिन सुधर ही जायेंगे।
आज दु:ख के काँटे है ं , तो कल सुख के फूल🌺🌻🌹🌷 भी खिलेंगे
आज है पतझड़🍁🍁🍁🍂के दिन
तो कल धरती पर हरियाली भी आयेगी ।
मगर चमन के सारे फूल🌺🌻🌹🌷 खिला
नहीं करते
बहारें सदा हर किसी के दामन में नहीं रहती ।
न सदा हर किसी के जीवन में सुख और खुशियाँ रहती है ं
न मन में हमेशा उमंगे-तरंगे ही रहती हैं ।
न जीवन में सदा चले पुरवाई
न जीवन में सदा रहे दु:ख की दुहाई ।
हे ! हंसने वाले, किस पर हंसते हो तुम
यहाँ तो हर इक दिन बदलता रहता है जीवन का परिवेश ।
धन्यवाद🙏