जीवन एक बहती धारा है
जिसका नहीं कोई किनारा है
हर एक जीव का एक ही ठौर -ठिकाना है
प्रभु के घर एक दिन जाना है
स्वर्ग- नरक का नहीं कोई ताना-बाना है
सब कुछ यहीं भोगकर जाना है
यह मानुष जन्म, मानुष तन पाया है तूने
सन्मार्ग ,भक्तिमय, दयामय बन
दान -धर्म का फर्ज निभाना है
सत्कर्म ,सत्संग से भक्ति मार्ग पर आगे बढ़ते जाना है,मानव धर्म निभाना है
ईश्वर से जुड़ सत्य मार्ग पर चलते जाना है
प्रभु नाम जपते- जपते तुझे
मोक्ष प्राप्ति का अमरत्व रत्न पाना है ।
धन्यवाद🙏