पूर्णिमा का चांद देखकर
तुम बहुत याद आते हो
मगर जीवन के सफर में तुम साथ
आधा- अधूरा छोड़ गए
आधे अधूरे चांद की तरह
जिंदगी बीत रही है तेरी यादों में
आंखों से आंसू बहते हैं मोती की तरह
जी रही हूँ हर पल तेरी बातों के सहारे
सांस चल रही है जिंदा हूं बस
इक जिंदा लाश की तरह
जब तुम बहुत याद आते हो
चेहरे पर उदासी छा जाती है तब
चांद में तेरा ही अक्स नजर आता है
जैसे तुम साथ हो चंदा की चांदनी की तरह
पूर्णिमा का चांद देखकर तुम बहुत याद आते हो ।
धन्यवाद🙏