हर तरफ सन्नाटा छाया है, मानव जीवन में उफान आया है,
आज ये कैसा मंजर आया है, इंसान को ही इंसान से दूर रहना है, ।
अपने-अपनों को छू न सके ं, ये कैसा वीभत्स,
डरावना 😱 👻 जीवन का संघर्ष आया है,
हर तरफ वीरता, एक अजीब सी शांति ही शांति छायी है, ।
ये कैसी विपदा भरी घड़ी आयी है,
अपने प्रेमी जनों की लाशों को जलाना🔥 तो
दूर है
हाथ भी लगाना गंवारा नहीं है।
ये कैसाअजब -गजब का संयोग आया है,
ये कैसा अजीब जीवन का दृश्य लाया है
अपने हुए पराये, पराये अपने बन,
कर रहे हैं, खिदमत, इलाज, दाह -संस्कार ।
ये कैसा करूण, रूदन सा जीवन छाया है
ये कैसा मानव जीवन का मंथन आया है
क्या ये सच में कुदरत का कोई संदेशा 📩 है
कि इस धरती के तुम मालिक नहीं सिर्फ
मेहमान हो
जिसके जीवन की डोर सिर्फ ईश्वर के हाथ में है ।
धन्यवाद🙏