जिंदगी का हर सफर तेरे साथ था
आज पहला सफर है अकेला 😢
तेरे शहर और तेरे दहर का
तेरे शहर में रखा है जैसे 👣 कदम
पहला
💜❤दिल धड़का बहुत जोर से
अब तो जिंदगी का हर सफर होगा तेरे बिना
तुम बहुत याद आते हो, तेरा परवाह करना बहुत
अच्छा😇 लगता था
तेरे बिना सूना -सूना सा ये 🌇शहर, ये दहर,
ये पहर ⏰
जब पहली बार मिले थे हम
तेरे इस दहर में दिल के फूल🌺🌻🌹🌷
खिले थे
आज तेरे बिना झर-झर आँखों से बहे है नीर
पलकों से उतर ये गालों पर मोती से बने हैं
रात ख्वाबों में आना, नीदों से जगाना,
ख्यालों में आकर बंद पलकों को आहिस्ता- आहिस्ता से सहलाना
चौंककर आँखों का खुल जाना
विस्मय से इधर-उधर देखना
हर तरफ दूर-दूर तक किसी का न होना
तेरे होने का एहसास सा करा जाता है
सफर में हमसफर का साथ न होना
अकेलेपन का आभास सा करा जाता है।
धन्यवाद🙏