तुम बिन गीत कहां ,मन संगीत कहां
तुम बिन जीत कहां ,तुम बिन हार कहां ।
दिल झंकृत हुई थे ऐसे जैसे वीणा के तार
दिए प्यार जले थे ऐसे- जैसे ख्वाबों के आफताब।
ले गये सब कुछ तुम साथ अपने
दे गए सिर्फदिल में मीठी चुभन का एहसास ।
तुम बिन प्रीत कहां मेरे मीत
तुम बिन तारों की बारात कहां मेरे मन मीत ।
तुम बिन लहरों का संगीत कहां मेरे मीत
तुम बिन फूलों में खुश्बू कहाँ मेरे मन मीत।
तुम बिन खुशियों का गीत कहाँ मेरे मीत
तुम बिन जीवन में संगीत कहाँ मेरे मन मीत ।
धन्यवाद🙏