आसमान की ख्वाहिश
ऊँची उड़ान की आजमाइश
तो हर दिल की है फरमाइश
मन में ऊंची उमंगे है ं ,ऊँची तंरगें हैं।
आसमान में पंख फैलाने की
लालसा तो हर परिदें में है
मगर यहाँ धरा पर जहाँ पैर
टिकाने की नहीं है गुंजाइश
वहाँ कैसे कोई पूरा करे
आसमान में उड़ने की खवाहिश
जहाँ गरीबी, भूख, बेरोजगारी से
इंसान, मजदूर व युवा,किसान
बेबसी व लाचारी से हैं बेजार
भला वहाँ कैसे कोई मुकम्मल करे ख्वाहिश
जहाँ सिर्फ सपनों की ही है बस आजमाइश।
धन्यवाद🙏