माँ अमृत की सागर
है, जीवन रूपी गागर है
मांँ ही वो प्रथम संबंध है
जिससे सारे रिश्तों का अनूठा अनुबंध है ।
👩माँ ही धरा पर प्यार की मूरत है
जीवन का अनोखा पवित्र बंधन है
माँ की वाणी में गरिमा हैं
बच्चों की अनंत अनुरागी महिमा है ।
👩माँ केप्रेम में जो निश्छलता है
जो निस्वार्थ प्रेम की भावना है
वो कहीं और नहीं मिलती है।
👩माँ ही गीता है, कुरान है रामायण है
जिससे सभी के जीवन में शीतलता है l
धन्यवाद🙏