गम को छिपाना भी जानती हूं ,
दर्द में हंसना मुस्कुराना भी जानती हूं ।
नारी हूंँ हर फर्ज दिल से निभाना जानती हूं
मां ,बहन ,बेटी ,पत्नी बन कर हर रिश्ता दिल से निभाना जानती हूंँ।
अपने अरमानों का गला घोट सभी के अरमानों को पंख लगाना जानती हूं
अपने खवाब को तोड़ सभी के सपनों को साकार करना जानती हूँ।
दर्द सहकर भी सभी के दामन को खुशियों से सजाना चाहती हूँ
नारी हूँ हर फर्ज 💜❤दिल से निभाना चाहती हूँ ।
धन्यवाद🙏