***सब कुछ कह जाती थी,
अपने दिल की बात तुमसे
मगर आज लव सिल से गए हैं
अल्फाज़ हो गए हैं खामोश से,
हमेशा मेरी हर बात पर हंसते थे तुम,
मगर आज खामोश, चुपचाप हो गए हो तुम
सिर्फ बस एक क्षण में कैसे टूट गया रिश्ता मेरा तुम्हारा
पल भर में सब कुछ कैसे खत्म हो गया टूट कर बिखर गए हम
सारे सपने, सारी खुशियां ऐसी बिखरी मानो
बिखर गए जैसे हम
वक्त का सितम, पल का खेल समझ ना पाए थे थे हम
वक्त का सितम, पल का खेल समझ नहीं पाये हम
कुछ कह भी ना पाए थे ,उस पल तुम मुझसे
बता नहीं सकती ,मैं आज इस दिल का दर्द तुमसे
मगर ये आंखें रोज बरसती हैं, बारिशों की तरह
तुम्हारे लिए ही
आज भी दिल में बसते हो तुम,
यादों की परछाई बन, सांसों में रहते हो तुम । ***
धन्यवाद🙏