'जीवन की नदी' सी
बहती है ये जिंदगी ।
कभी सुख कभी दु:ख
की अनंत लहरें है जिंदगी
कभी बहुत शांत तो कभी बहुत चंचल सी है
ये जिंदगी
कभी गंभीर सी तो कभी तूफानों की लहर सी है ये जिंदगी
कभी सपनों का आसमां तो कभी भंवर सी
उलझी है ये जिंदगी
सुख-दुख के संगम सी है ये जिंदगी ।
ना कभी ठहरे , कभी रुके, पल-पल, हर पल
बहती जीवन धारा सी है अनवरत ये जिंदगी।
चाहे अनचाहे चलते रहना, बहते रहना है
शायद इसी को कहते हैं जीवन-धारा
सी है ये जिंदगी।