**ओस की बूंदों सा चमकता प्यार मेरा
प्रकृति के सुंदर मधुर, मधुमास जैसा
वृक्षों पर चमकती ओस की बूँदों सा
सूरज की किरणों सा चमकता साथ तेरा-मेरा ।
ओस की बूँदें बन मैं चमकती
घर के उपवन में
हरी- हरी घास, फूलों की फुलवारी में
सुबह उगते सूरज के साथ
मिट जाती है ओस की बूँदें
मेरे अपने मिटते अस्तित्व की भाँति ।
कभी ओस की बूँदों सी आँखों में नमी
तो कभी ओस की बूँदें बन मिट्टी में जा मिलती
कभी ओस की बूँदों की तरह मैं चमकती
तो कभी तेरे घर उपवन में
मिट जाती ओस की बूँदों सी तकदीर लेकर।
ओस की बूँदों सा ख्वाब मेरा
कुछ ही पलों तक चमकता रहा
कुछ ही पल में मिटता रहा
जिंदगी में सपनों के इस फरेबी संसार में। **
धन्यवाद🙏