एक नई दुनिया बसाना है
जहां नफरतों की दीवार गिराना है।
मोहब्बत की ** एक नई दुनिया** बसाना है
ख्वाबों, सपनों के जहां में
एक हकीकत की दुनिया बसाना है।
जहां दिखावा, छल-कपट, न हो
बस सच की एक नई दुनिया बसाना है।
जहां धर्म, वर्ग, क्षेत्रवाद न हो
जातिवाद का ही नामोनिशान न हो
जहां बस इंसान ही इंसान हो
इंसानियत से भरी एक नई दुनिया बसाना है।
दीमक लगे राष्ट्रवाद को बचाना है
एकता की एक नई बिगुल बजाना है।
देश की धरती पर प्रेम के बीच उगाना है
ईर्ष्या, द्वेष, जलन की भावना को हराना है।