आंसुओं में भीगे मेरे शब्द तुम पढ़ न सकोगे
मन में बसी तस्वीर को कभी न मिटा सकोगे
तेरा स़ग पाकर मैंने जीवन में उड़ान भरी थी
तुम्हारे संग ही हुई थी आबाद मैं
तुम बिन मैं एक लहुलुहान परिंदा हूँ
अब सिर्फ मैं जिंदा हूँ
तेरी प्रेम की छांव में
हर संघर्ष था आसान
मगर अब तुम दूर हो गये मुझसे
लौट आने की भी कोई गुंजाइश नहीं
तेरे बिना जीवन में स्पन्दन नहीं
तेरे बिना दिल में जैसे धड़कन नहीं
कहाँ से लाऊँ अधरों पर मुस्कान
इस दिल को कोई किनारा नहीं
बस तेरी यादों के सहारे जिंदा हूं
मैं इक लहूलुहान परिंदा हूँ।
धन्यवाद🙏