कौआ कान ले गया..................
अनन्त राम श्रीवास्तव
बात उन दिनों की है जब मैं कक्षा सात में पढ़ता था गरमियों की छुट्टियों में अपनी ननिहाल गया था। एक दिन रात के समय पास के गाँव में डकैती पड़ गयी। एक दो दिन बाद जिसे देखो वही कह रहा था दिन में सो लिया करो रात में जागा करो यहाँ भी डकैती पड़ सकती है। उस दिन जब पास के गाँव में डकैती पड़ रही थी तब यहाँ लोग चिल्ला रहे थे। यहाँ के लोगों की चिल्लाने की आवाज सुनकर डकैतों ने कहा था कि अब इस गाँव की बारी है।
दिन मे सब लोग खा पी कर दोपहर बारह बजे तक सो जाते। रात्रि में आधी रात तक किस्से कहानियों का दौर चलता। उसके बाद बच्चों को सुला दिया जाता और बड़ों के मध्य जागने व जगाने का दौर शुरू हो जाता। लोगों ने जागने व जगाने के लिये एक नया उपाय खोज लिया। घरों के लोग अपनी अपनी छतों पर चढ़ जाते। ऊपर से ही आवाज लगाते "जागते रहो" यह आवाज सुनकर तुरंत दूसरी छत से आवाज आती "जागते रहो" इसके बाद तीसरी छत से "जागते रहो" की आवाज आती। इस प्रकार मोहल्ले भर में लोग रात भर जागते रहते।
मेरे बड़े मामा जी इण्टर कालेज में पढ़ाते थे। एक दिन मैं दोपहर में दरवाजे खेल रहा था मोहल्ले की कुछ नानी व मामी भी बैठी थीं। मामी ने कहा आजकल नींद पूरी नहीं हो पाती। डकैतों के चक्कर में न जाने कब तक "रात्रि जागरण" चलेगा। नानी ने भी मामी की हाँ में हाँ मिलाते हुये कहा सही बात है। मैने अचानक कहा मामी यह बताओ कि कैसे पता चला कि किसी दिन यहाँ भी डकैत डकैती डालने आयेंगे। मामी ने तुरंत बताया "किरनियाँ कह रही थी। मामा ने कहा किरन को बुलाओ।
किरन को बुला कर उससे पूँछा गया कि तुमको कैसे पता चला कि यहाँ डकैती पड़ेगी। किरन ने बताया कि जिस दिन पास के गाँव में डकैती पड़ी थी उसके अगले दिन जब वो अपने स्कूल गयी तो मैने रामू से पूँछा रात में तुम्हारे गाँव में डकैती पड़ी थी। रामू ने कहा हाँ। किरन ने कहा डकैतों की बंदूकों की आवाजें सुनकर हमारे गाँव में लोग डर रहे थे और शोर मचा रहे थे। रामू के पड़ोसी मोहन ने तुरंत कहा डकैत कह रहे थे कि पड़ोसी गाँव के लोग बहुत चिल्ला रहे हैं अब अगली बार पड़ोस के गाँव में डकैती डालेंगे।
मैंने कहा जिस घर में डकैती पड़ रही थी मोहन का घर क्या उसी मोहल्ले में है और कितनी दूर है। इस पर किरन ने बताया कि मोहन का घर दूसरे मोहल्ले में है। डकैतों की कही बात मोहन को कैसे पता चली। उसी समय उसी गाँव का एक आदमी मामा से मिलने आया। मामा ने उससे पूँछा तुम्हारे गाँव में डकैत यहाँ डकैती डालने की बात कह रहे थे। इस पर उस आदमी ने कहा यह तो झूँठ है। लड़को ने मजाक कहा होगा और किरन ने सच मान कर आप सबको बताया और आप सब ने उसे सच मान लिया। यह तो वही कहावत हो गयी कि किसी ने कहा कौआ कान ले गया और सभी कौवे के पीछे दौड़ने लगे। इस खुलासे पर सभी ने राहत की साँस ली।
मित्रो आज की "आप बीती व जग बीती" का अंक आपको कैसा लगा। अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराना मत भूलें।
आपका
अनन्त राम श्रीवास्तव