बुलडोजर न्याय का अर्थ क्या है?
पूरे भारत में अवैध निर्माण को हटाने के लिए बुलडोजर का उपयोग नियमित रूप से किया जाता है, इस मामले में बुलडोजर का उपयोग एक न्यायेतर उपकरण के रूप में तथा कथित अपराधियों, सांप्रदायिक हिंसा के दंगाइयों और आरोपी अपराधियों के विरुद्ध शक्ति प्रदर्शन के रूप में किया गया है।
राज्य सरकारों द्वारा आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाने के मामले पर बीते दिन सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई और कई सवाल भी उठाए। कोर्ट ने कहा कि कोई भी आरोपी अगर दोषी भी साबित होता है, तो भी उसके घर पर बुलडोजर चलाना किसी भी तरह से जायज नहीं है।
न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि किसी भी संपत्ति को सिर्फ़ इसलिए ध्वस्त नहीं किया जा सकता क्योंकि अभियुक्त किसी आपराधिक मामले में शामिल है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "भले ही वह दोषी हो, फिर भी कानून द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना ऐसा नहीं किया जा सकता।"
शीर्ष न्यायालय ने ये भी कहा कि अगर कोई किसी अपराध में दोषी पाया जाता है, तो भी बिना कानूनी प्रक्रिया को पूरा किए उसके घर को ढहाया नहीं जा सकता। इस बीच कोर्ट के आदेश के बाद यूपी सरकार ने अपने बुलडोजर एक्शन पर जवाब दाखिल किया। योगी सरकार के हलफनामे को देख सुप्रीम कोर्ट ने उसकी काफी तारीफ की है।
यूपी की योगी सरकार ने कहा कि प्रदेश में किसी का भी घर बिना कानूनी प्रकिया के नहीं तोड़ा जा रहा। गृह विभाग के विशेष सचिव ने हलफनामे में कहा कि किसी भी अचल संपत्ति को कानूनी प्रक्रिया के तहत की ध्वस्त किया जा सकता है और हम उसी का पालन कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार के जवाब पर खुशी जताई और हलफनामे में अपनाए गए रुख की तारीफ की। सुप्रीम कोर्ट ने मामले के संबंध में पूरे देश के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी करने की बात कही। कोर्ट ने मामले के पक्षकारों के वकीलों से अपने सुझाव भी मांगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो भी पक्षकार सुझाव देना चाहते हैं वो मध्य प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता नचिकेता जोशी के ईमेल आईडी sr.adv.nachiketajoshi@gmail.com पर भी भेजें।कोर्ट ने ये भी स्पष्ट किया की वो किसी भी अवैध निर्माण को संरक्षण नहीं देगा। मामले की अगली सुनवाई अब 17 सितंबर को होगी।
वर्तमान सरकार करे भी क्या ?? जब लोग शक्ति और हनक वाले लोग अवैध निर्माण कर लेते हैं तब उस समय की सरकारें कान में तेल डाले कुछ बोलती नहीं है और बाद में फिर असंवैधानिक निर्माण को गिराना ही पड़ता है। और यह सब अराजक लोगों का ही प्रोपोगंडा है कि पीड़ित लोगों के घर गिराये जा रहे हैं ऐसे ही जब अवैध झुग्गी झोपड़ियां बन जाती है रातों-रात उनको भी हटाना पड़ता है तब वही लोग हाय-हाय करते हैं।
स्वरचित डा.विजय लक्ष्मी