जब दो दिलों में होता सामंजस्यपूर्ण मेल,
दोस्ती व प्यार की राह में हो फिर सुमेल।
कभी-कभी त्यागने पड़ते कुछ स्वार्थ ,
समझौते के माध्यम से होते हितकृतार्थ ।
समझौते से दूर होतीं बड़ी-बड़ी मुश्किलें,
जीवन हो सरल, खुशी से भरी अटकलें।
समझौता सच्चे मित्र सा सुखद हिसाब
हर पल सीमा ,अमूल्य सन्देशी किताब।
समझौता सिखाता, जग खुशी की बसर,
रिश्ते मजबूती से जोड़े,लगे न कहीं नजर
स्वरचित डा.विजय लक्ष्मी