शब्बो की मम्मी ,पम्मी को दिल का दौरा पड़ जाता है ,जब उसे होश आता है ,तब वो अपने पति से ही मिलती है ,शब्बो बाहर ही उनकी प्रतीक्षा करती है ,शब्बो को इस बात का दुःख है ,उसने ये सब अपनी मम्मी जी को बताया -उसी कारण , आज वो इस स्थिति में हैं।शब्बो की जिद पर, उसके पापा खाना खाने के लिए घर जाते हैं ,तभी एक इंस्पेक्टर उससे मिलने आ जाता है और उससे उसके केस के सिलसिले में ,कुछ बातचीत करना चाहता है। तब वो इंस्पेक्टर को बताती है ,कि ये सब बुआ -भतीजे की योजना है। बलविंदर पहले से ही विवाहित था ,मेरे एक दोस्त ने बताया था ,हम उसे ''रंगे हाथों ''पकड़ना चाहते थे किन्तु उससे पहले ही, इन लोगों ने मेरे दोस्त और उसके दोस्त का अपहरण कर लिया।
ये सब आप इतना यकीन से कैसे कह सकती हैं ?इंस्पेक्टर ने अविश्वास से कहा।
वो इसीलिए ,क्योंकि वो दोनों उसके खिलाफ़ सबूत ही इकट्ठा करने गए थे ,तभी उनका अपहरण हुआ और जब तक मेरा विवाह ,उस बलविंदर के संग नहीं हो गया ,उन्होंने उन्हें छोड़ा नहीं ,मेरी बात पर विश्वास न हो तो आप थाने में ,उन लड़कों के अपहरण की रिपोर्ट भी देख सकते हैं।
बलविंदर के विरुद्ध कुछ और भी बतायेँगी ,जैसे आपको मारता -पीटता था। उसका आपसे विवाह करने का क्या उद्देश्य हो सकता है ?
जी ,मैं अपने मम्मी -पापा की अकेली बेटी हूँ ,उनकी सम्पूर्ण धन -दौलत मेरी ही हो जानी है ,मेरा धन यानि मेरे पति का भी ,उस पर अधिकार होगा और इसमें बुआ भी शामिल है इसमें उसका भी हिस्सा है।
ऐसा आपको क्यों लगता है ?
ऐसा मुझे नहीं लगा, किन्तु जब उसे लगा -मैं उसके चंगुल में फंस गयी तब उसने स्वयं ही सब बक डाला। न भी कहता ,तब भी सच्चाई तो एक न एक दिन बाहर आनी ही थी।आज इन लोगों के कारण ही मेरी मम्मीजी ,आज इस अस्पताल में हैं। जब से उन्हें इस धोखे का पता चला ,वो तो सदमे में आ गयीं। आप उन्हें सख़्त से सख्त सजा दिलवाइये।
आप चिंता न करें ,आप जैसी बहादुर लड़की के संग ऐसा धोखा हुआ ,ये तो सही नहीं है ,जब इंस्पेक्टर ने उसे बहादुर कहा ,तब शब्बो ने फिर से उसकी तरफ देख ,कुछ सोचने लगी।
जब कुछ याद आ जाये ,तब मुझे भी बताना कहकर वो मुस्कुराया और चला गया। अब मुझे क्या स्मरण करना है ?सब कुछ तो बता दिया किन्तु इस इंस्पेक्टर को कहीं देखा है ,न जाने कहाँ ?
उसके चले जाने के पश्चात ,उसने अपनी मम्मी के कमरे में झाँका ,वो अभी सो रही थीं ,तब तक ,उसके पापा जी भी आ गए। पापा जी तुस्सी इतनी जल्दी कैसे आ गए ?थोड़ा आराम कर लेते।
ओय पुत्तर !सोने की कोशिश की किन्तु नीद नहीं आई ,सोचा ,आराम तो मैं यहाँ बेंच पर भी कर सकता हूँ। तू घर जा ,मैं डॉक्टर से पूछकर ,[तेरी मम्मीजी की छुट्टी कब करेंगे ?]ले आऊँगा ,तू बस इसके स्वागत की तैयारी कर कहकर वो तनिक मुस्कुराये।
जी पापा जी !कहकर शब्बो घर के लिए ,रवाना हो गयी।
शाम को भी इंस्पेक्टर ने सोचा ,शब्बो अस्पताल में ही होगी और वो अस्पताल चला आया।
इंस्पेक्टर साहब !कुछ बताया ,उन लोगों ने.......
जो अभी तो नहीं ,बड़े घाघ हैं ,मोटी चमड़ी है ,उन्होंने और बातें तो स्वीकार की किन्तु अपहरण वाली बात को स्वीकार नहीं कर रहे।
अपहरण किसका ,कब हुआ ?
इस विषय में ,आपको कोई जानकारी नहीं ,तब तो शबनम जी से ही मिलना होगा। उन्होंने ही बताया था।
ये बच्चे भी न ,क्या -क्या करते रहते हैं ?किसी को कुछ बताते ही नहीं।
अच्छा ,अब मैं चलता हूँ जी ,कहकर करतार सिंह मुड़ा ही था ,तभी नर्स तेजी से बाहर आई और बोली -आपकी पत्नी की अचानक तबियत बिगड़ गयी ,वो आपको बुला रही हैं ,मैं डॉक्टर को बुलाने जाती हूँ कहकर नर्स तेजी से चली गयी। इंस्पेक्टर भी रुक गया। शब्बो के पापा ,अपनी पत्नी के पास पहुंचे ,उसने हाथ से इशारा सा किया ,उसे साँस खींचकर -खींचकर आ रही थी। बोली -श..... ब्बो.... के प्....प्.... अपनी..... बे....टी का.......
हाँ -हाँ ,उसका ख़्याल रखूंगा ,तू ठीक तो हो जा ! डॉक्टर भी आने वाले होंगे। तब तक करतार भी अंदर आ चुका था। उसकी तरफ अँगुली करते हुए ,अचानक पम्मी का हाथ लटक गया। डॉक्टर भी आ गए ,और उन्होंने बताया -अब ये नहीं रहीं।
शब्बो के पापा को तो जैसे चक्कर आ गए ,आँखों के आगे अँधेरा छा गया। वे वहीं बैठ गए ,करतार ने उन्हें संभाला। उनके साथ ही रहा। अस्पताल की सभी औपचारिकताएं पूर्ण करवाईं। उधर शब्बो ,अपनी मम्मी के स्वागत के लिए ,उनके कमरे को साफ -सुथरा कर ,आरते के लिए थाली सजा रही थी। रात का खाना भी बनाकर रखा था ,पम्मी की पसंद की सब्ज़ियाँ थीं ,बस चपाती सेकनी बाक़ी हैं ,वो तो....... तभी उसे ध्यान आया ,मम्मी जी की तो दवाइयाँ चलेंगी ,जो डॉक्टर कहेगा ,वो ही तो खाना देना पड़ेगा। मरीज़ों वाला..... सोचकर उसका सम्पूर्ण जोश ठंडा पड़ गया। तब वो उनकी प्रतीक्षा में बैठ गयी। अभी कुछ पल ही बीतें होंगे ,उसे किसी के आने की आहट हुई ,वो बाहर आई तो...... वो समझ नहीं पाई ,कि इतने लोग क्यों ?पापाजी की तरफ देखा ,तो वो रो रहे थे। करतार भी उन्ही के संग था। तभी गाड़ी में से ,पम्मी का शव बाहर निकाला गया। मम्मीजी........ बुरी तरह से चिल्ला दी और उनकी तरफ दौड़ी। पापा जी ,ये मम्मीजी को क्या हुआ ?आप तो मेरी मम्मीजी को लाने वाले थे। ममीजी उठो !आपकी शब्बो आपको पुकार रही है। देखते ही देखते अडोसी -पड़ोसी भी बाहर निकलकर आ गए और वहाँ मातम छ गया।