सिम्मी बहादुर तो थी, किन्तु थी तो, एक औरत ही ! और टोनी ठहरा एक गुंडा ,उसके मन में किसी के प्रति को दया -धर्म नहीं ,ऊपर से आज उसने एक औरत से मार खाई है ,ये उसके स्वाभिमान को कतई बर्दाश्त नहीं। अब तो उसने सिम्मी को और मौक़ा देना ठीक न समझा ,सीधे उस पर वार किया और सिम्मी के बाल उसके हाथों में आ गए। तभी ,उस कमरे का दरवाजा खुला और शराब के नशे में धुत ,खन्ना आया। सिम्मी को देखकर तो उसके जैसे भाग खुल गए ,बोला -इस नाजुक़ कली के लिए मुझे बुलाया।
ये नाजुक़ नहीं है ,ये बहुत ही चालाक है ,आज इसने मेरा कस्टमर भगा दिया। पता नहीं ,उसे क्या ज्ञान की बातें सुना रही थी ? अपनी कमर पर हाथ रखते हुए बोला -इस साली ने मुझे भी नहीं छोड़ा ,पीठ में बहुत ही दर्द हो रहा है। देख !इससे संभलकर रहना।
अरे ,तू फ़िक्र न कर ,मैंने न जाने इसके जैसी कितनी महिलाओं को सीधा किया है ? इसका आदमी कहाँ गया ?
भाग गया होगा, साल्ल्ला ! सुबह आयेगा इसकी बाक़ी की कमाई लेने ,अब तो उसे फूटी कौड़ी भी न दूँ ,इसने हमारे जो कस्टमर की बेइज्जती की है ,उसका दंड तो इसे भुगतना ही होगा ,कहकर टोनी ने सिम्मी को बिस्तर पर धकेला। उसने सिम्मी को इतनी बेदर्दी से बिस्तर पर धक्का दिया ,सिम्मी के सिर में पलंग का कोना लगा, जिसके कारण सिम्मी का सिर घूम गया। एक पल को तो उसे लगा, वो अचेत हो जाएगी किन्तु तुरंत ही सम्भल गयी। तभी बिना देरी किये टोनी ने उसे एक तमाचा कसकर मारा ,वो तो उसके कारण वैसे ही बिलबिला रहा था। अब वो सिम्मी को सम्भलने का मौका नहीं देना चाहता था। तभी खन्ना से बोला -तू इसकी साड़ी उतार ,मैं इसकी तस्वीरें लेता हूँ ,पूरी ज़िंदगी किसी को अपना मुँह नहीं दिखा पायेगी।
शब्बो ये सब देखकर ,उनके इरादे भांपकर करतार से बोली -अब उस लड़की को ले आओ ! बेचारी ये सब कितनी देर से झेल रही है ?
करतार बोला -उसे बचाने के लिए ,उसका पति ही जायेगा ,ताकि उसकी नजरों में जितना ये गिरा है ,उस अपनी गंवाई इज्जत को संभाल सके।
किन्तु मैंने भी तो उससे ,अपने पति द्वारा बचाने का वायदा किया है ,वो तो यही समझेगी कि मैंने उसे यहाँ फंसाकर छोड़ दिया।
ठीक है ,पहले तुम इसे तो जाने दो !
खन्ना को देखकर ,अब शब्बो की आँखों में खून उतर आया था किन्तु उसे क्रोध तो था किन्तु उसे तो पता ही नहीं चला था ,उसने शब्बो के साथ क्या किया होगा ?उसे तो नशा दिया जाता था ,साथ ही उसे ये भी ड़र था ,यदि वो खन्ना के सामने आ गयी तो वो उसे पहचान जायेगा।
जैसे ही सिम्मी की साड़ी उतारने के लिए ,खन्ना आगे बढ़ा ,तभी अंदर की तरफ वाला दरवाजा खुला और मैक सामने आ गया।
उसे देखकर टोनी हंसा ,ले इसका यार भी आ गया ,मैक को देखकर ,खन्ना आगे बढ़ने से रुक गया।
टोनी हंसा ,तू अपना काम जारी रख ,ये कुछ नहीं कर पायेगा ,मैंने इसको ,इसकी [सिम्मी की तरफ ]इशारा करते हुए पूरी कीमत चुकाई है।
मैक को देखकर ,सिम्मी ने घृणा से नजरें फेर लीं ,ये देखकर खन्ना हंसा और बोला -इसकी तो इसकी बीवी की नजरों में इज्जत नहीं ,कहकर उसने सिम्मी की साड़ी के पल्लू को पकड़ा।
तभी मैक बोला -बस बहुत हो चुका ,आगे मत बढ़ना कहकर मैक ने खन्ना का हाथ पकड़ लिया।
मैक की इस तरह की हरकत देखकर ,टोनी बोला -अपुन का भेजा गरम नही करने का ,तू जा.....
जाने के लिए नहीं आया हूँ ,मैक जोर से बोला।
क्या करेगा..... ?पैसा लाया है ,ला मेरा पैसा वापस लाकर दे।
मैक ने तभी एक बैग निकाला और पैसे उसके सामने फ़ेंक दिए ,खन्ना और टोनी ने एक दूसरे को देखा और बोला -अब कोई फ़ायदा नहीं ,तू पैसा वापस दे या न दे ,आज की रात तो इसकी यहीं मनेगी ,तू सौदा कर चुका है ,अब मुकरने का नहीं। तू भी आज अपनी पत्नी की 'सुहागरात 'हम दोनों के संग देख....... कहकर जैसे ही वो आगे बढ़ा सिम्मी फुर्ती से पलंग के दूसरी तरफ जाकर खड़ी हो गयी और मैक उसके सामने। तुझसे कहा न... या तो तू यहाँ से चला जा ! वरना यहीं पे अपनी जोरू की सुहागरात देख ,किन्तु मैक तो हिला भी नहीं वरन टोनी को धक्का मारा।
एक बार समझा दिया न...... नहीं तो नहीं।
टोनी ,इस धक्के के लिए तैयार नहीं था ,उसकी नजरों में मैक कायर ,लालची ,नामर्द था किन्तु अब ये उसका कुछ दूसरा ही रूप देखने को मिल रहा था। खन्ना से बोला -इसे मज़ा चखा दे ,ये शायद हमें नहीं जा नता ,हमसे टक्कर लेने का क्या परिणाम हो सकता है ?
मैक ने नज़दीक आते हुए ,खन्ना की कनपटी पर ,एक हाथ मारा और बोला -तुम लोगों ने मुझे समझने में गलती कर दी। एक औरत से मार खाकर भी अक़्ल नहीं आई जिसकी औरत इतनी ख़तरनाक है ,उसने तुझे धूल चटा दी ,उसका पति कैसा होगा ?जो इतनी ख़तरनाक बीवी से विवाह कर सकता है तो तुम क्या चीज हो ?अपनी पत्नी की तरफ देख मुस्कुराया। सिम्मी ने उसकी तरफ से मुँह मोड़ लिया ,फिर सोचा -इसे कैसे मालूम ?कि मैंने अब टोनी और खन्ना के साथ क्या किया ? टोनी और खन्ना दोनों ही मैक से भिड़ गए।
तभी खन्ना बोला -अपने लोगों को फोन करके बुला ले ,आज इन्हें दिखा देते हैं ,हम क्या चीज हैं ?
टोनी फोन में व्यस्त हो गया ,तभी फिर से वही दरवाजा खुला और एक लम्बा -तगड़ा व्यक्ति वहां से निकला और सिम्मी को उधर ही जाने का इशारा किया जिधर से वो आया था। करतार के इशारे पर सिम्मी उसी कमरे में चली गयी ,वहां शब्बो पहले से ही मौजूद थी शब्बो को देखकर ,उसके गले लग गयी और बोली -दीदी !
तुम तो बहुत बहादुर हो ,शब्बो उसकी प्रशंसा करते हुए बोली।
आपको कैसे मालूम ? मेरा कैमरा तो अभी वहीं लगा हुआ है ,मैं उसे ला भी नहीं पाई।