करतार शब्बो को लेकर, जिस होटल में जाता है ,उसी होटल में उसे ,खन्ना भी मिल जाता है ,जो उसकी पिछली ज़िंदगी का लाभ उठाना चाहता है ,शब्बो भी इसी पशोपेश में है ,वो अपनी पिछली ज़िंदगी के विषय में सब कुछ करतार को बताये या नहीं। तभी एक हादसा हो जाता है ,एक महिला जो नशे में थी ,उसे लेकर कुछ लोग लेकर जाते हैं। जब करतार ने शब्बो को बताया कि कोई महिला है जो नशे में है ,उसके कारण हो -हल्ला हो रहा था।
तब शब्बो को अपने दिन भी स्मरण हो आये और उसने पूछा -वो महिला अब कहाँ है ?
ले गए ,उसके जानने वाले या घरवाले ही हो सकते हैं।
तुम भी न कैसे पुलिस वाले हो ?नशे में उस महिला को क्या मालूम ? वो किसके साथ जा रही है ,तुम्हें उसकी सुरक्षा का ख़्याल रखना चाहिए था। तुम्हें कैसे मालूम ?जिसके साथ गयी है या जो भी उसे ले गया है वो उसका अपना ही कोई है , कोई धोखेबाज़ भी तो हो सकता है।
ओहो ! पुलिसवाला तो मैं हूँ किन्तु मैं देख रहा हूँ ,मेरे संग रहकर तुम भी पुलिसवालों जैसी बातें करने लगी हो।
''दूध का जला ,छाछ भी फूंक -फूँककर पीता ''है।
क्या मतलब ?
चलो अब ! काफी रात्रि हो गयी ,शब्बो ने पहले जोश में कह तो दिया किन्तु कमरे में जाने के नाम से ही सोच में पड़ गयी।
तुम चिंता न करो ! मैं सोफे पर सो जाऊंगा। क्या ज़िंदगी है ? बरसों इंतजार किया ,किसी हमदम साथी का ,अब साथ मिला भी तो....... पास रहकर अभी भी दूर है।अभी उसकी आँख ही लगीं थी ,सोये कुछ समय ही हुआ था उसके लिए एक फोन आया। वो शब्बो को सोता देख ,बाहर छज्जे पर आकर बोला - हैलो !
सर !आपका सोचना सही था ,उसकी ''शर्बत में किसी ने योजना के तहत ,कुछ नशीला पदार्थ मिला दिया था।
कुछ पता चला ,क्या योजना थी ,किसकी ये कारस्तानी हो सकती है ?
जी..... ये व्यक्ति वही है जो ऐसी महिलाओं के ज़िस्म का सौदा करता है और वही उसके आस -पास भी था।
क्या ,उसकी कोई पहचान हुई ?
जी वो बहुत ही चालाक है ,वो कुँवारी नवविवाहिताओं का सौदा करता है। अधिक से अधिक पैसा उनके[पति ]के मुँह पर मारता है ,जिसका जितना बड़ा लालच...... उतने में ही खरीदता है।
तब ,क्या तुमने उसे पकड़ लिया ?
नहीं सर ,वो बहुत ही सतर्क रहता है ,अपनी बीवियों की सुरक्षा स्वयं उनके लालची ही पति करते हैं।
मतलब.... मैं ,कुछ समझा नहीं।
इसमें समझना क्या है ?सर ! वो उनके पहरे पर रहते हैं ?उसका दिया पैसा बोलता है। उसके बचाव के लिए ,स्वयं वहीं रहते हैं ,यहाँ तक कि स्वयं उसकी पत्नी को भी पता नहीं चल पाता कि वो जिसके साथ आई है ,रा त में किसी और के साथ थी क्योंकि सुबह जब उसकी आँख खुलती है ,उसका पति ही उसके साथ होता है।
ये केेसा गुनाह है ? इसमें किसको दोष दें ?
जो गुनाह करता है ,उसकी सुरक्षा स्वयं वे लोग करते हैं जो उसके धन के लालच में आ जाते हैं ,सर !'पैसा बोलता है।'
चिंता इस बात की है ,उसके विरुद्ध कौन बोलेगा ?जो जानते हैं वो बताएंगे नहीं ,क्योंकि उन्हें पहले ही खरीदा जा चुका है। जिनके साथ गुनाह होता है ,उन्हें तो इस बात का इल्म ही नहीं होता।
करतार ने जब होटल में ,किसी महिला को नशे में देखा था ,तभी उसी शहर के थाने में इस बात की सूचना दे दी थी क्योंकि उसे लग रहा था कहीं न कहीं कुछ न कुछ गड़बड़ अवश्य है। क्योंकि जब उसने उस महिला को शर्बत पीते हुए ही देखा था ,तब उसे नशा कैसे हुआ ?और उसका पति ,वो भी संदिग्ध लगा क्योंकि जब इसी होटल में कमरा लिया हुआ था तब वो अपनी पत्नी को लेकर कहाँ गया ?अभी वो ये सब सोच ही रहा था ,तभी शब्बो ने करवट बदली और करतार को जागते देखकर बोली -''अभी तक सोये नहीं। ''
हाँ, वो किसी का फोन आ गया था तो नींद उचट गयी ,कहकर सोने का प्रयत्न करने लगा।
प्रिय पाठकों !मेरा ये धारावाहिक बढ़ता ही जा रहा है ,जिसकी मुझे स्वयं भी उम्मीद नहीं थी कि उसके इतने भाग हो जायेंगे किन्तु आज अपनी मेहनत को देखकर अच्छा लग रहा है। बस आप लोगों से यही उम्मीद है ,आप सभी इसी तरह साथ निभाते रहेंगे। अपना प्रोत्साहन देते रहेंगे ,पढ़ते रहिये -''बदली का चाँद ''