सिम्मी का उन लोगों से वाक युद्ध चल रहा था किन्तु जिसने भी उसके क़रीब आने का प्रयत्न किया तो 'मुँह की खाई ' अजीब परेशानी थी ,मैक को वो लोग पैसे भी दे चुके थे किन्तु सिम्मी जिस कारण से यहाँ थी वो कार्य करने से इंकार कर रही थी। उनके धंधे का उसूल था ,किसी से जबस्दस्ती नहीं ,सब कुछ रज़ामंदी से होता। उसके लिए फिर चाहे ,लड़की को कोई दवाई ही क्यों न देनी पड़े ?किन्तु यहाँ पहले तो सिम्मी मान गयी किन्तु अब इंकार कर रही है। यहाँ तक की टोनी को बुलाया जाता है ,टोनी को इतना समय कहाँ हैं ?जो एक -एक व्यक्ति के पास जाकर उनकी समस्याओं को सुने या उन्हें हल करे।
आज पहली बार वो इधर आया और आते ही इस तरह से 'कस्टमर ' के सामने बेइज़्जती !वो तो उनका पुराना ग्राहक है , जब भी गया , खुश होकर गया ,किन्तु आज ये किसी भी तरह मान नहीं रही है। उल्टे सिम्मी से उसे मार खानी पड़ गयी ,जो उसकी बर्दाश्त से बाहर था। वो सिम्मी की तरफ बढ़ा ,सिम्मी मन ही मन ड़र रही थी और साथ ही साथ अपने को तैयार भी कर रही थी। इसने यदि कुछ भी किया तो आज इसे छोडूंगी नहीं। तभी वो व्यक्ति बोला -तुम्हें जो भी करना है ,बाद में करते रहना। मेरी रात्रि तो खराब कर ही दी ,मैं अभी चलता हूँ ,मुझे कुछ भी शोर -शराबा नहीं चाहिए ,आजकल तो पुलिस भी ताक में बैठी रहती है।
कोई नहीं जी ,आप चिंता न करें ,पुलिस को हर महीने ,उनका इनाम जाता है।
फिर भी मैं किसी भी तरह की परेशानी नहीं चाहता ,मेरी घरवाली को पता चल गया या बाहर कहीं भी ,मेरी तो बदनामी ही होगी। तुम नहीं जानते ,लोग ,मुझे कितना मानते हैं ?
बदनाम गलियों में घूमकर नाम की उम्मीद करते हैं ,कोयले की खान में जाकर ,कालिख़ से बचना चाहते हैं ,बहुत खूब..... व्यंग्य में सिम्मी बोली।
टोनी बड़े सम्मान से बोला -मैं आपसे माफ़ी चाहूंगा किन्तु कल ऐसा कुछ भी नही होगा ,वो मन ही मन सोच रहा था ,कहीं ये अपना दिया पैसा न मांग ले इसीलिए कल का आश्वासन दे रहा था। टोनी की विनम्रता देखकर ,वो चुपचाप वहां से निकल गया। उसके जाते ही ,टोनी वापस आया और बोला -अब तू मुझसे नहीं बच पायेगी ,अभी तू मुझे जानती नहीं है ,मैंने अच्छे -अच्छों को सीधा किया है , कहकर उसने खन्ना को फोन लगाया। हाँजी ,आ जाइये ,आज आपकी शाम बनाते हैं , कहकर सिम्मी की ओर बढ़ा।
ये दृश्य देखकर , मैक से अब रुका नहीं गया और बोला -सर !अब मुझे जाना चाहिए।
मैं सोच रहा था ,इसका दूसरा साथी भी आ जाये ,तब दोनों को एक साथ पकड़ते हैं।
इससे पहले ही अगर इसने सिम्मी को कुछ किया तो.....
करतार ने उसे और उसे थोड़ा इंतजार करने का इशारा किया।
सिम्मी बोली -देखो ! मेरी तुमसे कोई दुश्मनी नहीं है ,अब मुझे यहाँ से जाने दो।किसी महिला को अकेली समझ ,उस पर अधिकार जताना ,उसके साथ जबरदस्ती करना नामर्दानगी की निशानी है।
स्स्स्साली , पहले तो मेरे कस्टमर को भगा दिया ,अब अबला होने का ड्रामा कर रही है ,अब तो मैं तुझे बताऊंगा ,कैसे हनीमून मनाते हैं ?वो तेरा नामर्द पति तो तुझे हमारे हवाले कर भाग गया। अब हम तुझे बतायेंगे 'मर्द 'कैसा होता है ?उसने सोचा ,अब ये ड़र रही है किन्तु शीघ्र ही उसकी गलतफ़हमी दूर हो गयी। जब सिम्मी ने नीचे झुककर उसके पैरों को पकड़ा और उसे गिरा दिया।
इस अप्रत्याशित हमले के लिए ,वो तैयार नही था और वो धाड़ से जमीन पर गिरा। जिसके कारण उसे चोट भी लगी और उसे क्रोध आया ,इसी क्रोध के कारण उसने अपनी पिस्तौल निकाली और सिम्मी की तरफ निशाना साधने लगा। ये चीज दूसरे कमरे में बैठी शब्बो भी देख रही थी ,टोनी को पिस्तौल तानते देख चिल्लाने लगी उसे बचाओ ! कहीं वो उसे मार न दे ! किन्तु ये देखकर हैरत में पड़ गयी सिम्मी उसके सामने खड़ी उससे कुछ कह रही है।
तू मुझे मारना चाहता है तो मार दे ! यही सही है ,वैसे तो मैं तेरा पैसा नहीं उतार सकती ,बेइज़्जती की ज़िंदगी से तो मर जाना ही अच्छा है ,इस तरह तेरा पैसा उतरता है तो मुझे गोली मार दे , मरकर ही पैसा उतर जायेगा ,चला गोली और मुझे मार दे।
टोनी उसकी बात सुनकर सोच में पड़ गया और बोला -तूने क्या मुझे मूर्ख समझा है ? तुझे मारकर तो मुझे नुकसान ही होगा ,तुझे जिन्दा रखकर ,तुझे ऐसी जिल्लत भरी ज़िंदगी दूंगा ,तू रोयेगी ,तड़पेगी और मौत की भीख मांगेगी।
उसकी बात सुनकर ,सिम्मी जोर -जोर से हंसने लगी ,तू मुझे जिल्लत देगा ,पहले अपने पैरों पर खड़ा तो हो जा ,कहकर सिम्मी ने उसकी कमर में लात मारी।
स्साली तू कुछ ज्यादा ही उड़ रही है ,कहकर तेजी से उठा और उसकी चोटी पकड़ ली अब उसे सिम्मी पर बहुत तेज गुस्सा था।