समीर चाहता है ,कि'' इंस्पेक्टर करतार सिंह '' समीर की सहायता करे , जो नंबर उसके पास है , उस नंबर से पता लगाना है, कि ये नंबर किसका है ?इंस्पेक्टर को समीर की बात बचकानी लगती है। उसने कहा -वो स्वयं भी तो ,इस बात का पता लगा सकता है किन्तु जो भी कारण समीर ने बताया उसको सुनकर वो लोग चौंक गए। समीर ने बताया -कि शब्बो मेरी दोस्त है ,जिन दो लड़कों का अपहरण हुआ था उनमें से एक मैं भी हूँ।
करतार ने पूछा -जब तुम्हारा अपहरण किया गया ,तब तुम लोग कहाँ थे ?
जी हम तो ,शब्बो की ससुराल के समीप ही किसी खेत में थे ,वहीं हमें बलविंदर के विरुद्ध सबूत देने के लिए बुलाया गया था।बहुत देर तक हम प्रतीक्षा करते रहे किन्तु कोई नहीं आया ,हमने सोचा -किसी ने हमें मूर्ख बनाया है इसीलिए हम लोग ,वापस लौटने ही वाले थे ,कि किसी ने हमारे ऊपर कुछ काला कम्बल जैसा डाला ,इससे पहले की हम कुछ समझ पाते हमारे सिर पर चोट करके हमें बेहोश कर दिया गया। जब हमें होश आया, तब हम किसी अँधेरे कमरे में बंद थे। दो -तीन दिनों तक बंद रहे फिर हमें शराब और खाना दिया और नशे की हालत में हमें ऐसे ही लावरिशों की तरह ,खेतों में छोड़ दिया गया। आज तक हमें ये भी पता नहीं चल पाया ,कि हम कहाँ कैद थे ?जिसने हमें कैद किया ,उसका उद्देश्य क्या था ?तब परिस्थितियां ऐसी रहीं हमने सोचा -ये बुआजी की ही कोई चाल होगी ताकि हम विवाह न रोक सकें।
तुम विवाह क्यों रोकना चाहते थे ?
क्योंकि मैंने बलविंदर को ,उसकी एक दोस्त के साथ देखा था। उन्ही दिनों मैं उसके गाँव गया और वहां भी किसी ने बताया कि उसने तो ''प्रेम विवाह ''पहले से ही किया हुआ है। तब हम उसके लिए सुबूत इकट्ठा करने गए थे क्योंकि शब्बो बलविंदर से विवाह करना नहीं चाहती थी ,उसे तो जबरदस्ती उसकी बुआ ने फंसा दिया।
कुछ सोचते हुए ,करतार बोला -ये नंबर का क्या मामला है ?
जी ,ये नंबर मैंने अपनी पत्नी के फोन से चुराया है या लिया है कुछ भी समझ लीजिये क्योंकि वो कल रात्रि को किसी से तेज स्वर में बात कर रही थी। मुझे लगता है -शिल्पा ,शब्बो की सहेली थी ,वो या तो उस व्यक्ति को जानती है या फिर उस केस के विषय में कुछ तो जानकारी ले रही है जो हमें नहीं बताई। ये भी हो सकता है ,उसे कोई ब्लैक मेल कर रहा हो ,या फिर वो..... बिना जानकारी के कुछ भी कहना असम्भव है। हाँ ,इतना अवश्य है ,आप इस नंबर पर पता लगाएंगे तब उस आदमी को पकड़ भी सकते हैं और जानकारी भी हासिल कर सकते हैं क्योंकि इसमें मेरा कोई योगदान नहीं होगा तो मुझ पर शक भी नहीं करेगी।
काफी गहराई से सोचा और अपना बचाव भी ,साथ ही सोच लिया ,बड़े ही चतुर हैं तिवारी ने मुस्कुराकर कहा।
एक तरफ दोस्त ,दूसरी तरफ पत्नी ,दोनों से ही बनाकर रखनी है।
ठीक है ,कहकर करतार ने फोन नंबर मदनलाल जी को देते हुए बोले -जरा आप पता लगाइये ,ये नंबर किसका है ?
जी सर ,कहकर मदनलाल ने नंबर लगाया -हैलो !हैलो पहले तो किसी ने फोन उठाया नहीं ,किन्तु कुछ समय पश्चात फोन उठा लिया।
हैलो ! कौन बोल रहा है ?
जी मैं मदनलाल बोल रहा हूँ।
मदनलाल कौन ?मैं किसी मदनलाल को नहीं जानता ,कहकर उसने फोन रख दिया।
मदनलाल ने फिर से फोन लगाया - हैलो ! क्या मैं सोहनलाल जी से बात कर सकता हूँ।
उधर से आवाज आई ,यहाँ कोई सोहनलाल नहीं रहता ,क्षमा कीजिये ,मुझे तो यही नंबर दिया गया है। वैसे आप बुरा न माने तो क्या मैं जान सकता हूँ ?कि आप कौन महाशय बोल रहे हैं ?
कोई भी बोल रहा हो ,किन्तु यहाँ सोहनलाल नहीं है।
आप तो बुरा मान गए ,मैंने तो बस आपका नाम ही तो पूछा था कौन सा तुम्हारी दुकान अपने नाम करा ली।
ओय..... तू कुछ ज्यादा नहीं बोल रहा ,तू है कौन ? जो मुझसे टक्कर लेने चला है। तू जानता नहीं है ,मुझे !
न..... मुझे जानना भी नहीं है ,जिसे बात करने की भी तमीज़ नहीं ,तू है कौन ?तू कहीं का मिनिस्टर है जो मैं तेरे विषय में जानूँगा।
ओय !तूने ''अहमद अंसारी ''का नाम नहीं सुना होगा वरना इतना बोलता ही नहीं।
भई ,मैं तो ड़र गया कहकर मदनलाल ने फोन काट दिया और आकर करतार को बताया।
करतार ने पूछा -क्या काम करता है ?
सर इतनी देर में उसने नाम ही बताया ,वो भी जब...... जब तक मैंने उसे पका न दिया ,तब उसने चिढ़कर कहा -ओय..... तू अहमद अंसारी को नहीं जानता। काम पूछता तो उसे शक़ हो जाता। शब्बो का गांव इतना बड़ा भी नहीं है जो अहमद अंसारी को न ढूंढ़ सके। नाम पता चल गया तो उसका काम भी पता चल जायेगा मदनलाल ने करतार सिंह को आश्वस्त किया।
चलो !अहमद अंसारी से पूछ लेते हैं ,कौन है ? वो !अभी तक समीर वहीं बैठा था ,करतार ने उससे पूछा -ये नंबर आपकी बीवी के पास है ,क्या आपको मालूम है ,कि ये अंसारी कौन है ?
जी नहीं ,मैंने आज तक उसके मुँह से भी, ये नाम नहीं सुना किन्तु उसके पास ये नंबर है ,तो इसका मतलब है ,वो भी कहीं आस -पास का ही होगा। देखिये ,आप अपनी तरह से जानकारी निकालिये ,मैं भी प्रयत्न करता हूँ ,यदि मुझे कुछ जानकारी मिली ,तब आपसे अवश्य ही मिलूंगा या फिर फोन करूंगा।
समीर के जाने के पश्चात ,करतार बोला -मदनलाल जी हमारे खबरी कब काम आयेंगे ?पता लगाओ !इस गांव में कितने अहमद अंसारी हैं ?
जी..... कहकर मदनलाल और तिवारी बाहर निकल गए।
उनके जाने के पश्चात ,करतार ने सोचा ,इसका अर्थ है ,इस बुआ ने जबरदस्ती अपने भतीजे का विवाह शब्बो से करवा दिया वो तो शादी करना ही नहीं चाहती थी। शब्बो का स्मरण होते ही ,करतार ने शब्बो को फोन लगाया -हैलो !
उधर से शब्बो की नहीं ,उसके पापा जी की आवाज आई और बोले -इंस्पेक्टर साहब कहिये !कैसे याद किया ?
करतार पहले तो उनकी आवाज से थोड़ा सकपका सा गया किन्तु तुरंत ही सम्भलते हुए बोला -मैं ये जानना चाहता कि आपके गांव में कोई अहमद अंसारी नाम का व्यक्ति है ,और आज शबनम जी की कोर्ट की तारीख़ भी है ,उन्हें स्मरण तो होगा।
उन्होंने कुछ देर तक सोचा ,और बोले -मैं इस नाम के किसी व्यक्ति को नहीं जानता ,हाँ आज केस की सुनवाई है ,उसे मालूम है ,किन्तु साहब मैं तो नहीं आ पाउँगा मुझे अपने काम पर जाना है इसीलिए आपसे गुज़ारिश है ,आप उसका ख़्याल रखियेगा।
जी..... जी आवश्य ! करतार तो इसी बात से प्रसन्न हो गया कि आज शब्बो उसके साथ रहेगी।
क्या ,शब्बो केस जीत जाएगी ? अहमद अंसारी कौन है और शिल्पा इसे कैसे जानती है ?और उसका समीर और उसके दोस्त का अपहरण करता है या करवाता है या फिर कुछ और ही राज खुलने वाले हैं ,जानने के लिए पढ़ते रहिये ''बदली का चाँद ''और प्रोत्साहन भी देते रहिये अपने सुझाव और समीक्षा द्वारा और स्टिकर भी देते रहिये ताकि और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ा जा सके।