उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के कवाल में दो भाईयों की हत्या मामले में अखिलेश सरकार की जबरदस्ती और लापरवाही को निशाना बनाने का अब जाकर खुलासा हुआ है। मुजफ्फरनगर दंगों को लेकर जो रिपोर्ट सामने आई है उससे अब अखिलेश सरकार सवालों के घेरे में आ गई है। अखिलेश सरकार ने हिंदुओं पर जो 40 मुकद्दमें लादे थे जबकि सिर्फ एक का मामला ही दर्ज हुआ था। अखिलेश सरकार ने 40 हिंदुओं पर साधा था निशाना, मगर अब 5 सालों के बाद इंसाफ हो गया और मुख्य आरोपी जेल के पीछे होंगे। क्या आप जानते हैं क्या है पूरा मामला ?
अखिलेश सरकार ने की थी मनमानी ?
साल 2013 में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में दंगे हुए थे औऱ इसमें अखिलेश यादव के नेतृत्व में तत्कालीन सरकार ने 40 हिंदुओं पर मुकद्दमें लादे थे। मुसलमानों को केवल एक मामले में आरोपी बनाया था। अदालत ने सभी हिंदुओं को बरी कर दिया है लेकिन जिस एक मुसलमान आरोपी था उसे लेकर कई मुसलमान घेरे में आ गए हैं और उन्हें दोषी पाया गया। जिस एक मामले में सत्र अदालत ने इस साल 8 फरवरी को सजा सुनाई गई थी, वह 27 अगस्त 2013 को कवल गांव में सचिन और गौरव नाम के दो भाईयों की हत्या से जुडी़ है। इस मामले ने मुज़म्मिल, मुजस्सिम, फुरकान, नदीम, जहॉंगीर, अफज़ल और इकबाल को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस सिलसिले में एडवोकेट प्रशांत पटेल ने ट्वीट किया है-
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हिंदुओं पर जो भी मुकद्दमें लगे थे उनमें आरोपित बनाए गए सभी लोगों को सबूत ना होने की वजह से बरी कर दिया गया है। इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबाकि हत्या से जुड़े 10 मामलों की सुनवाई जनवरी-फरवरी 2017 तक चली थी। इस मामले में 53 आरोपियों को कटघरे में लिया गया था और अभियोजन पक्ष के पांच गवाह अदालत में इस बात से मुकर गए कि अपने संबंधियों की हत्या के समय वे मौके वारदात पर वहां थे। 6 दूसरे गवाहों ने अदालत में बताया कि पुलिस ने जबरदस्ती खाली कागजों पर उनके हस्ताक्षर लिए और 5 मामलों में हत्या में इस्तेमाल हुए हथियार पुलिस कोर्ट में पेश ही नहीं पाई थी।
क्या हुआ था मुजफ्फरनगर दंगे में ?
27 अगस्त, साल 2013 में मुजफ्फरनगर के कवाल में सचिन गौरव और शाहनवाज के बीच झगड़ा हुआ मुजफ्फरनगर और शामली में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे। झगड़े की शुरुआत शाहनवाज और मुजस्सिम की बाइक से गौरव की साइकिल की टक्कर हो गई थी और इसमें गुस्साए शाहनवाज के साथ मिलकर कुछ और लोगों ने मलिकपुरा के दोनों भाईयों सचिन और गौरव की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इसके बाद मुजफ्फरनगर और शामली में सांप्रदायिक दंग भड़क गए थे और इसमें 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग बेघर हो गए थे। इस दौरान आरोपी पक्ष के शाहनवाज की भी मौत हो गई थी और साधारण सी बात ने भीषण रूप ले लिया था जिसमें कई लोग मारे गए थे।