दिल्ली में पॉल्यूशन तो हर साल दिवाली के आस-पास होता है लेकिन दिवाली खत्म होने के एक दो हफ्ते में खत्म हो जाता था। मगर इस साल ये पॉल्यूशन खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा। दिवाली खत्म होने के एक महीने के बाद भी यहां का पॉल्यूशन बढ़ता ही जा रहा है। इसके लिए दिल्ली सरकार भी एक्टिव हुई है लेकिन जहां से सबसे ज्यादा पॉल्यूशन आ रहा है वहां से जब तक कोई कार्यवाही नहीं होगी तब तक कोई सॉल्यूशन नहीं निकल सकता। अब बात करते हैं इसपर चल रही सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या एक्शन लिया? सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कई बातें कहीं।
पंजाब सरकार को मिली सुप्रीम कोर्ट से फटकार
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने पर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई के दौरान सोमवार को पंजाब सरकार को फिर से फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के मुख्य सचिव से कहा कि हम राज्य की हर मशीनरी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हैं। आप इस तरह लोगों की जान के साथ नहीं खेल सकते। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में दमघोंटू माहौल बन गया है और अब तक क्यों कोई सख्त कदम नहीं उठाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से बहुत ही कड़े शब्दों में कहा- 'लोगों को गैस चैंबर में रहने के लिए मजबूर करने की क्या जरूरत है। इससे अच्छा है कि आप लोग एक बार में ही लोगों को मार दें। 15 बैग्स में विस्फोटक से उड़ा दीजिए और आम जनता ये सब क्यों सहन करे। दिल्ली में आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है, हम तो इस बात से हैरान हैं।'
जस्टिस अरुण मिश्रा के मुताबिक, दिल्ली नर्क से बद्तर हो गई है और देश में जिंदगी सस्ती है। इसी के साथ दिल्ली में सत्तासीन सरकार को लेकर कहा कि दिल्ली की सत्ता में बने रहने का हक नहीं है। वहीं दिल्ली सरकार के प्रमुख सचीव ने कोर्ट में कहा कि केंद्र और राज्य दो केंद्र होने के चलते दिक्कत पेश कर रही है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से कहा कि दोनों अपने बीच की दूरियों को कम करे और 10 दिनों के अंदर शहर में अलग-अलग जगहों पर एयर प्यूरिफाइंग टावर्स लगाएं। अब ये देखने वाली बात है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर ये काम कब तक करती है क्योंकि सच में ये एक गंभीर समस्या है।