16 दिसंबर, 2012 को भारत की राजधानी से ऐसी खबर आई जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। 16 दिसंबर की रात करीब 9.30 बजे चलती बस में एक 22 साल की लड़की के साथ 5 आदमियों ने बलात्कार किया और फिर उसे और उसके दोस्त को आधा मरा हुआ सड़क के किनारे फेंक दिया। इस वारदात के बाद पूरे देश में बलात्कार को लेकर सख्त कानून बनाने की मांग तेजी से बढ़ गई। उस दौरान कुछ हो तो नहीं पाया लेकिन लोगों में दिखने वाली क्रांति भी बहुत अलग सी थी। उस लड़की का नाम कुछ समय तक सामने नहीं आया था तो उसे लोग निर्भया बुलाने लगे थे और क्या-क्या हुआ था इसके बारे में उसके दोस्त ने काफी मदद की थी। मगर अब इतने सालों के बाद एक पत्रकार का खुलासा है कि उसका दोस्त इस घटना का एकलौता चश्मदीद होने के नाते लोगों से पैसे ऐंठ रहा है।
निर्भया केस को डिटेल में बताने के एक लाख रुपये ?
निर्भया कांड होने के 7 सालों के बाद एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है और इसे वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम ने किया है। उन्होंने इस केस से जुड़ा बड़ा खुलासा करते हुए बताया है कि अपने दोस्त के साथ हुई गैंगरेप की दर्दनाक दास्तान सुनाने के लिए वो टीवी चैनलों से पैसे ले रहा है। अपने तीखे तेवरों के लिए चर्चिक अजीत अंजुम के मुताबिक, टीवी चैनलों पर आने वाले अपने चाचा के साथ मिलकर एक-एक लाख रुपये की डील करता है। लड़की के दोस्त को बेनकाब करने के लिे उन्होंने साल 2013 में स्टिंग ऑपरेशन भी कराया था लेकिन उसे अंजुम ने टीवी पर नहीं दिखाने का फैसला लिया था।
निर्भया के दोस्त जिसका इंटरव्यू आपने शुरुआत में टीवी पर देखा होगा जब ये कांड हुआ था मगर उसके बाद उसने अपनी इस बात को कमाई का जरिया बना लिया। निर्भया के दोस्त का पैसा लेते हुए वीडियो कैमरे में कैद हुआ और उस समय स्टिंग ऑपरेशन के बाद भी अजीत अंजुम ने आईएएनएस से बताया, 'क्योंकि निर्भया का दोस्त घटना का चश्मदीद था इसलिए मुझे लगा कि चैनल को घटना की कहानी सुनाने के बदले दोस्त के पैसे लेने वाला वीडियो देश को एक बार फिर झकझोर कर देने वाला होगा। आरोपी पक्ष के वकील स्टिंग का दुरुपयोग कर सकते हैं, मीडिया के लिए टीआरपी नहीं पत्रकारीय मूल्य, संपादकीय गरिमा और संवेदनशील होना बहुत जरूरी है।'
क्यों हुआ इतने साल बाद खुलासा?
अब लोगों को सवाल है कि इतने साल बाद खुलासा क्यों कियातो इसके जवाब में बताया गया कि अजीत अंजुम दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 को हुए गैंगरेप पर बनी वेबसीरीज दिल्ली क्राइम देखते हुए इसपर सवाल उठाए। फिर उन्होने बरसों से सीने में छुपाए राज को बयान के रूप में बताने का फैसला किया क्योंकि इतने सालों से वे बेचैन से थे। अजीत अंजुम ने ये भी बताया जब इस केस के बाद उन्हें इस बात का शक हुआ तो उन्होंने जांच-पड़ताल की। फिर चाचा से बात की और कई बातें सामने आने पर उन्हें भी इस सच्चाई ने झकझोर दी थी।