आज के समय में प्राइवेट सेक्टर वाले काम तो खूब करवाते हैं लेकिन सैलरी के नाम पर छोटी सी रकम थमा देते हैं। मगर केजरीवाल सरकार ने युवाओं को खास तोहफा देने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने के फैसले को अब हरी झंडी दे दी है। अदालत की रजामंदी के बाद अब दिल्लील सरकार दिवाली से पहले ही इसकी अधिसूचना जारी करेगी। इससे ना सिर्फ युवा बल्कि दिल्ली में काम करने वाले हर स्नातक वालों के चेहरे खिल जाएंगे। चलिए बताते हैं केजरीवाल सरकार ने क्या ऐलान किया है?
केजरीवाल को स्नातक पास को तोहफा
दिल्ली सरकार दिवाली से पहले इसकी अधिसूचना जारी करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि दिल्ली में स्नातक कर्मचारियों को 19,572 रुपये प्रतिमाह से कम वेतन नहीं दे सकेंगे। इससे पहले साल 2017 में न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने के दिल्ली सरकार के फैसले का अलग-अलग हितधारकों ने विरोध किया और इसके खिलाफ वे हाईकोर्ट भी चले गए थे। कोर्ट ने बीते 4 सितंबर, 2018 को न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने के फैसले पर रोक लगाई थी। इस फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी। सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला आया और अदालत ने न्यूनतम मजदूरी बढाने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए तीन महीने का समय भी दिया था।
दिल्ली सरकार अब अकुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी 14,842 रुपये प्रति माह, अर्ध कुशल श्रमिकों के लिए 16,341 रुपये प्रति माह और कुशल श्रमिकों के लिए 17,991 रुपये प्रति माह देने की सूचना जारी करने की तैयारी में है। सुप्रीम कोर्ट ने बताया है कि दिल्ली में स्नातक कर्मचारियों को 19,572 रुपये प्रतिमाह से कम वेतन नहीं दे सकते। फिर वे किसी भी सेक्टर के लोग हों उन्हें निर्धारित वेतन ही मिलना चाहिए। दिल्ली सरकार का ऐसा भी कहना है कि 10 महीने का पिछला महंगाई भत्ता भी श्रमिकों को मिलना चाहिए। अधिसूचना जारी करने के साथ सरकार सुनिश्चित करेगी कि मजदूरों को उनका हक भी मिले।