भारतीय सैनिकों की वाहवाही हमेशा से देशवासी करते आए हैं क्योंकि ये सरहद पर हम सबकी रक्षा करते हैंं। वे वहां पर जगते हैं तभी हम अपने-अपने घरों में चैन से सो पाते हैं और ये एक सच में बहुत बहदुरी का काम है। मगर सरहद पर रहने वाले जवान भी तो आपकी और हमारी तरह इंसान हैं और उनका मन भी किसी ना किसी के प्रति आकर्षक होता है। मगर उनके और हमारे में फर्क इतना है कि उनके ऊपर देश की जिम्मेदारी है और उन्हें अपनी सभी इंद्रियों को खोलकर रखना चाहिए। सोशल मीडिया के दौर में उन्होंने अपना ये धैर्य खो दिया और इसका फायदा पाकिस्तानी आर्मी ने उठा लिया।
पाकिस्तानी हसीना ने उठाया भारतीय जवानों का फायदा
मिलिट्री इंटेलिजेंस ने सेना के जवानों को हनी ट्रैप का शिकार बनाने वाली महिला के चेहरे से पर्दा उठ गया है। इस खूबसूरत हसीना ने अपने हुस्न के जाल में भारतीय सेना के जवानो को फंसाकर जासूसी करने पर मजबूर कर दिया था। फिलहाल इस युवती का नाम तो पता नहीं चल पाया लेकिन उसके पाकिस्तानी नागरिक होने और पाकिस्तान के लिए खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने की पुख्ता जानकारी जरूर मिली है। इस बात का भी पता चल गया है कि वो कराची की रहने वाली है और मिलिट्री इंटेलिजंस के अधिकारियों के लिए काम करती है। वो कई बार भारतीय सीमा के पार भी आ चुकी है। महिला सैन्य अधिकारी नहीं, बल्कि आईएसआई की एक खास एजेंट है और काफी दिनों से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए काम कर रही थी। मिलिट्री इंटेलिजेंस ने उसके द्वारा बनाए गए 15 फर्जी फेसबुक अकाउंट को भी खोल लिया है। इनके सहारे वो सेना के जवानों पर डोरे डालती थी और उनके साथ फेसबुक पर अश्लील बातें करते फंसाती थी। अपनी खूबसूरती का दीवाना बनाकर सेना से संबंधित खुफिया जानकारियां हासिल करती थी। जानकारी के एवज में जवानों को पैसे भी दिए जाते थे और हनी ट्रैप के शिकार हुए आधा दर्जन से ज्यादा भारतीय जवानों को अलग-अलग एजेंसियों ने पकड़ लिया है।
अक्टूबर, 2018 में आईएसआई के हैंडलर आसिफ अली को बुलंदशहर से गिरफ्तार किया गया और वो फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है। उसके पास भारतीय सेना से जुड़े कई दस्तावेज, पाकिस्तानी पासपोर्ट, पाकिस्तानी सिम कार्ड बरामद हुए हैं। इस युवती का आसिफ से संपर्क होने का भी पता चल गया है। इस युवती ने वर्दी में फेसबुक पर तस्वीर डाली थी और प्रोफाइल में सेना होने की जानकारी दी और हमेशा जवानों को टारगेट करती थी। झांसे में आने के बाद जवानों का नंबर लेकर बात करनी शुरु की और फिर सेना से संबंधित जानकारी निकलवाती थी। कॉल भारतीय नंबर वाले व्हाट्सएप और इंटरनेट से किए जाते थे इसका डाटा सामने आया है।