भारत में हर तरह की बातें होती हैं लेकिन महिलाओं को लेकर सुरक्षा का मामला बिल्कुल सीरियसली नहीं लिया जाता। यहां पर मां-बहन की गालियां देकर लोग इसमें अपनी वाहवाही समझते हैं जबकि वो लोग नहीं जानते हैं वे अपने ही घरवालों का समाज में मजाक बनवा रहे हैं। भारत की महिलाएं सुरक्षित नही हैं और ये बात किसी से भी छिपी नहीं है। अगर ऑफिस से निकलकर फोन नहीं करती हैं तो माता-पिता को चिंताएं घेर लेती हैं और ऐसा ज्यादातर घरों में हो जाता है क्योंकि उन्हें चिंता होती है कि कहीं उनकी लड़की के साथ कुछ गलत ना हो जाए।
लड़की के साथ ड्राइवर ने की बद्तमीजी
दिनदहाड़े छेड़खानी हो या कैब ड्राइवर्स द्वारा Molestation भारत की सड़कों की ये रोज की यही कहानी है।ऐसी ही एक अप्रिय घटना बेंगलुरू में घटी है। बेंगलुरू की अपर्णा बालाचंदर ने अपने ट्विटर हैंडल से ही अपनी आपबीती शेयर की। उन्होंने लिखा, 'आज मुझे अपनी ज़िन्दगी का सबसे डरावना एक्सपीरिएंस हुआ। सहकर्मियों के साथ डिनर करने के बाद मैंने उबर कैब बुक की. कैब ड्राइवर फ़ोन पर अपने दोस्त को कस्टमर्स के बुरे व्यवहार के बारे में बता रहा था और अचानक वो मेरी तरफ़ मुड़ा और उसने मुझसे कहा कि एक शिक्षित महिला होने के नाते मुझे 7 बजे से पहले ऑफ़िस से निकलना चाहिए और पीने के लिए बाहर नहीं जाना चाहिए। मैंने उससे कहा कि मैंने नहीं पिया और वो अपने काम से काम रखे। उसने मुझे स्लट बोला और कहा कि मैं उसके जूते साफ़ करने लायक भी नहीं हूं. उसने अचानक कैब की स्पीड कम कर दी और मैं डर गई। मैंने उबर का सेफ़्टी बटन दबाया. मुझे कॉल करने के बजाए उन्होंने कैब ड्राइवर को फ़ोन किया और ड्राइवर ने कस्टमर केयर को बताया कि 'मैंने बहुत शराब पी रखी है।' मेरे पास और कोई चारा नहीं था, मैं चीखकर कस्टमर केयर वाले से मेरी बात सुनने के लिए कहने लगी। तभी कस्टमर केयर वाली महिला ने मुझ से बात की और मैंने रोत हुए उनसे मदद मांगी। उसने मुझसे कैब से उतरने को कहा और भरोसा दिया कि वो मेरे लिए दूसरी कैब बुक करती है। कैब ड्राइवर मुझे धमकियां देने लगा 'अगर तुम अभी कैब से नहीं उतरी तो मैं तुम्हारे कपड़े फाड़ दूंगा।' मैं एक लगभग खाली सड़क पर रात के 11:15 बजे बिना कैब के हो गयी और फिर कस्टमर केयर के फोन का इंतजार करने लगी। मुझे डर था कि वो कैब वाला वापस आकर मुझे मार देगा और 15 मिनट इंतज़ार करने और उबर कस्टमर केयर को बार-बार मैसेज करने के बाद हारकर मैंने अपने दोस्तों को फोन किया। उबर ने सिर्फ़ मेरे पैसे लौटाए, जबकि उस समय मुझे पैसे की पड़ी ही नहीं थी। अगर मैं कस्टमर होने के नाते सेफ़्टी बटन दबा रही हूं, तो कैब ड्राइवर को कॉल करने का क्या मतलब है? उबर के इस अनुभव ने मुझे अंदर से झकझोर दिया है और मैं ये सभी बात मैं इसलिए नहीं बता रही कि मैं डरी हूं बल्कि इसलिए बता रही हूं कि उबर का सेफ़्टी बटन बहुत घटिया है, इसपर बिल्कुल ट्रस्ट नहीं करें।'
अपर्णा की बातें सुनकर दो यूजर्स ने अपना एक्सपीरियंस भी शेयर किया-
फिर लोगों ने अपर्णा से किए ऐसे व्यवहार पर यूजर्स ने उबर वाले को खूब सुनाया