दुनिया में बहुत सी विचित्र बातें होती हैं जिन्हें सुनने वाले एक बार हैरान रह जाते हैं। फिर चाहे कोई वारदात हो या फिर किसी के साथ उनकी मजबूरी में उनका फायदा उठाया जाना हो। लोगों का मन इस तरह से वो सब करने पर मजबूर हो जाता है जिसके बारे में वो सोचते भी नहीं हो। कुछ ऐसा ही केरल में भी होता है जिसे सुनने के बाद शायद आप यकीन नहीं कर पाएं और अगर कर पाएं तो आप हैरान रह जाएंगे। मगर वहां पर ननों को ऐसा घिनौना काम करना पड़ता है क्योंकि जूनियर होने के नाते उन्हें अपने सीनियर्स की बात माननी पड़ती है। इसी के नाम पर वहां के पादरी ननों के साथ यौन संबंध बनाते हैं लेकिन आपको पता है ये कैसे होता है? चलिए विस्तार से बताते हैं..
इस तरह पादरी बनाते हैं ननों से संबंध
केरल की नन सिस्टर लूसी कलाप्पुरा ने अपनी एक आत्मकथा लिखी है। इनकी किताब लॉन्च होने के बाद केरल के चर्चों में हड़कंप सा मच गया क्योंकि इसमें पादरियों के ककर्मों को लेकर कुछ खुलासे हुए हैं। सिस्टर लूसी के बारे में आपको बता दें कि इन्होंने ही बलात्कार आरोपित पादरी फ्रैंको मुलक्कत के खिलाफ आवाज भी उठाई थी। मुलक्कत की पैठ ना सिर्फ चर्चों में है बल्कि वो कई राजनेताओं को भी जानता है। अपने इन्हीं संबंधों का फायदा उठाकर उसने पीड़ित ननों की आवाज दबाने की कोशिश की। इन ननों को वेटिकन तक से राहत नहीं मिली। सिस्टर लूसी की किताब के कुछ अंश एक मलयालम पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित हुए हैं। इनमें बताया गया है कि साइरो-मालाबार चर्च में उनका अनुभव कैसा था। ईसाई संस्थाओं द्वारा संचालित प्राइवे स्कूलों में पादरियों द्वारा क्या-क्या गुल खिलते हैं, सिस्टर लूसी की किताब में इसके कई उदाहरण देखने को मिले। पादरी और बिशप अपने पदों का गलत फायदा उठाते हुए ननों के साथ जबरदस्ती यौन संबंध बनाते हैं। वे इसके लिए कई ननों को जबरदस्ती सहमत करते हैं। सिस्टर लूसी ने एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि जब वो मालाबार चर्च में थीं तब वहां एक पादरी हुआ करता था। वो कॉलेज में पढ़ता था और पास के कॉन्वेंट में रहता था कॉन्वेंट में उसने अपने लिए एक प्राइवेट कमरा रखा था और उस पादरी को सुरक्षित सेक्स के लिए काउंसलिंग देने का काम सौंपा गया था। वो छात्रों के सेफ सेक्स के बारे में सलाह देता था लेकिन इसमें कोई दिक्कत नहीं थी, दिक्कत तो तब शुरु हुई जब उस समय पादरी ने सेफ सेक्स के लिए प्रैक्टिकल क्लास करना शुरु किया।
उसने अपने कमरे में ननों को बुलाकर सुरक्षित सेक्स का प्रैक्टिकल क्लास लेना शुरु किया। इस दौरान वो ननों के साथ यौन संबंध बना लेता था और ऐसा नहीं कि उसके खिलाफ शिकायत नहीं की गई लेकिन उसका कोई कुछ बिगाड़ नहीं पाया। उसके हाथों ननों पर ये अत्याचार का सिलसिला खत्म नहीं हुआ, रिटायर होने के बाद भी उसके कई साथी ननों ने अपने साथ हुई अलग-अलग घटनाओं का जिक्र किया। सिस्टर लूसी ने लिखा कि कॉन्वेंट में जवान ननों को पादरियों के पास उनके यौन सुख के लिए भेजता था। वहां वो सभी ननें घंटों बिना कपड़ों के खड़ी रहती थीं। वो लगातार गिड़गिड़ाती लेकिन उन्हें जाने नहीं दिया जाता था। इस मामले में सीनियर ननों ने जूनियर ननों के साथ समलैंगिक संबंध बनाए। कई ऐसे मामले भी हैं जहां पादरियों ने काम छोड़ देना ही सही समझा क्योंकि पुराने पादरी उन्हें समलैंगिक संबंध बनाने पर मजबूर करते थे।