कुछ दिन पहले हमने आपको बताया था कि भारत की प्रतिष्ठित कंपनी 'पतंजलि' एक मल्टी नेशनल कंपनी होने की बात सामने आ रही है। इस बारे में पतंजलि के CEO ने बालकृष्ण ने मीडिया को इस बारे में जानकारी दी। अब बाबा रामदेव का स्टेटमेंट सामने आ रहा है कि ये कंपनी MNCs क्यों हो रही है। इसके अलावा कांग्रेस ने इस बारे में अलग ही बयान दिया था जो अब बदल गया है। मगर कांग्रेसियों ने अपनी कुछ बातों से खुद को हटाया है जबकि एक समय था जब उऩ्होंने पतंजलि को कई मामलों में सपोर्ट किया था। आज का समय ऐसा है, कि कांग्रेस को पतंजलि का ऐसा करना पसंद नहीं आ रहा है क्योंकि बाबा रामदेव को वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी का करीबी बताया जाता है।
पतंजलि पर आया रामदेव का बयान
बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि लंबे समय से विवादों में है। पीएम नरेंद्र मोदी से बाबा रामदेव की नजदीकियों के कारण वे अक्सर विपक्ष के निशाने पर रहते हैं, हालांकि कई राज्यों में कांग्रेस की सरकार होने के बाद भी पतंजलि को जमीन दिलवाया जाएगा और निवेश के लिए बुलाया गया है। अब कंपनी के सीईओ आचार्य बालकृष्ण के एक इंटरव्यू को गलत तरीके से दिखाते हुए सोशल मीडिया पर बहुत से झूठ फैलाए जा रहे हैं। इसमें सबसे बड़ी बात तो ये है कि इस काम में कांग्रेस पार्टी भी शामिल है। दरअसल, बालकृष्ण ने इकनॉमिक्स टाइम्स को अपना एक इंटरव्यू दिया जिसमें उन्होने कहा कि अब विदेशी मल्टी नेशनल कंपनियों के साथ काम करने के लिए तैयार हैं। लोगों ने इसका अर्थ ये लगाया कि पतंजलि अब विदेशी कंपनियों के साथ व्यापार करेी जिनकी बाबा रामदेव ने हमेशा ही आलोचनाएं की हैं। 'स्वदेश अपनाओं' की बात करने वाले बाबा रामदेव को लेकर महिला कांग्रेस ने कहा कि पतंजलि और भाजपा दोनों का ही दोहरा रवैया एक ही स्तर पर पहुंचा था। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राष्ट्रवाद और स्वदेशी की बात करने वाले बाबा रामदेव अब विदेशी कंपनी यानी MNC's के साथ डील करने वाले हैं।
वहीं वकील नज़मा फातिमा खान ने बाबा रामदेव को पलटू बताया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'जिन कंपनियों से बाबा रामदेव लड़ाई करने का दावा करते हैं और उन्हीं के साथ करार करने की बात कह रहे हैं। उन्होंने इंडिया टाइम्स के न्यूज को शेयर किया और उसमें भ्रम फैलाने वाली हैडलाइन दी गई है।'
बाल कृष्ण ने अपने स्टेटमेंट में कहा कि वे विदेशी कंपनियों के साथ काम करने के विरोधी नहीं रहे हैं जब वे पतंजलि के सिद्धांतों के आड़े ना आए। एमएनसी की तरफ से पतंजलि को काफी ऑफर आ रहे हैं और इसी कारण हमसे उन्हें ना नहीं कहा जा रहा क्योंकि वहां से इस कंपनी को फायदा हो सकता है। उनके इस बयान को लोगों ने समझा कि पतंजलि किसी विदेशी कंपनी या एमएनसी के साथ डील करने के बारे में सोच रहा है। रामदेव ने इस बारे में स्पष्टरूप से कहा था कि पतंजलि ने आज तक ना कभी विदेशी कंपनी के साथ काम करी है और ना ही कभी करेगी। जबकि आचार्य ने कहा था कि विदेशी कंपनी में पतंजलि के उत्पादों का डिस्ट्रीब्यूशन के लिए स्थानीय कंपनियों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका मतलब है कि अगर किसी दूसरे देश में पतंजलि को अपने उत्पाद बेचने हैं और वहां पतंजलि सक्रिय नहीं है तो किसी ना किसी विदेशी कंपनी को प्रोडक्ट बेचने की जिम्मेदारी दी जाएगी।