साल 2014 में पहली बार मोदी सरकार सत्ता में आई थी और इसके बाद से इस सरकार का क्रेज आम जनता के सिर हटा नहीं है। पिछली बार से ज्यादा मोदी सरकार ने लोकसभा-2019 के चुनाव में बाजी मारी और 300 के पार जाकर बहुमत से भारत में सरकार बनाई। मोदी सरकार के समर्थक देशभर में बहुत हैं तो कुछ लोगों के जलने से कोई फर्क नहीं पड़ता। बहुत समय से विरोधी यही बोल रहे थे कि मोदी सरकार ने युवाओं के लिए क्या किया है, मगर इस बार मोदी सरकार के लिए एक खास खबर आई है जो उनके लिए राहत की सांस लेने का काम कर सकती है। अगर आप भी मोदी सरकार के फैन हैं तो इस खबर को पूरा जरूर पढ़िए।
मोदी सरकार के लिए आई खुशखबरी
केंद्रीय सरकार द्वारा देश में बढ़ती बेरोजकारी का मुद्दा हमेशा से अहम रहा है। इस साल हुए लोकसभा चुनाव मे बेरोजगारी को विपक्षी पार्टियों ने एक बड़ा मुद्दा बना लिया है और मोदी सरकार को इस मुद्दे को लेकर काफी बातें की लेकिन अब मोगी सरकार के लिए राहत की खबर आई है। ये वो खबर है जिसमें देश की बेरोजगारी दर में गिरावट दर्ज की गई है और ये गिरावट मोदी सराकर के लिए राहत की खबर जैसी है। हाल ही में सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़े के अनुसार शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर में गिरावट आई और जनवरी-मार्च के बीच शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर गिरी है। ये दर 9.3 फीसदी तक पहुंच गई है और आपको बता दें साल 2018 में ये दर 9.9 फीसदी थी जो इस साल शुरुआती तीन महीने में 0.6 फीसदी से घटाकर 9.3 फीसदी पर लाई है। बेरोजगारी दर पर जारी की गई ये रिपोर्ट करेंट वीकली स्टेटस के आधार पर बनाई गई इस रिपोर्ट के अनुसार युवा बेरोजगारी दर में गिरावट होती है। युवा बेरोजगारी दर 23.7 फीसदी से गिरकर 22.5 फीसदी रह गई है।
साल 2018 में हमारे देश में बेरोजगारी दर तीन साल के उच्चतम स्तर तक गई थी, जिसके कारण विपक्ष पार्टी मोदी सरकार पर लगातार हमला कर रही थी। वहीं अब इस दर में गिरावट आई जो मोदी सरकार के लिए बड़ी कामयाबी है। आपको बता दें कि लंबे समय से केंद्रीय सरकार द्वारा बेरोजगारी को कम करने के लिए कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं जिससे लोगों को परेशानी नहीं हो। पीएम मोदी द्वारा प्रधानमंत्री रोजगार योजना, मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं को शुरु किया गया जिससे हमारे देश में नए व्यापार हों और बेरोजगारों को नौकरी मिल सके। केंद्रीय सरकार द्वारा चलाई गई इन सभी योजनाओं की मदद से ही बेरोजगारी को कम किया गया। बेरोजगारी वो स्थिति है जिसमें नौकरी की कमी के कारण युवाओं को बहुत परेशानी होती है और उनके पास आय का कोई साधन नहीं होता। सरकार परिभाषा के मुताबिक, उस शख्स को उस हफ्ते में बेरोजगार माना जाता है जिसने हफ्ते में एक घंटे के लिए भी काम नहीं किया या पैसे नहीं कमाए हों।