Pratlipi एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां खुले विचारों से आप कुछ भी लिख सकते हैं। ये एक ऑनलाइन वेबसाइट है जहां पर आप किसी भी विषय पर लिखकर खुद पब्लिश कर सकते हैं। इसका मुख्यालय बैंगलुरू में है और इस वेबसाइट पर आप हिंदी, गुजराती, बंगाली, मराठी, तमिल, मलयालम, कन्नड़, उर्दू, तेलुगू और अंग्रेजी भाषा में लिखकर खुद को लेखन में साबित कर सकते हैं। लिखने की कला सभी में नहीं होती है लेकिन लिखना हर कोई चाहता है और इसके साथ ही उन्हें ये भी रहता है कि उनके लेख को हर कोई पढे। ऐसा तो आप फेसबुक या ट्विटर पर ही कर सकते हैं लेकिन यहां पर आपको इंटरनेट पर कुछ वेबसाइट्स मिल जाएंगी। प्रतिलिपि एक सार्वजनिक वेबसाइट है जिसके ऊपर कोई भी अपनी आईडी बनाकर लेख लिख सकता है और इस वेबसाइट को कॉम्पटीशन देती है शब्दनगरी। इस लेख में मैं आपको इन दोनों वेबसाइट की खासियत के बारे में बताने जा रही हूं।
क्या है प्रतिलिपी ?
प्रतिलिपी संस्कृत का शब्द है दो इस वेबसाइट का नाम है। यहां आप लॉगिन करके यूजर बनिए और कुछ ओरिजनल चीजों को लिख सकते हैं जैसे कोई कहानी, कविता, निबंद या फिर किसी भी विषय पर आर्टिकल। इसमें आप दूसरों के आर्टिरकल पर रेट भी दे सकते हैं या उन्हें पसंद करके लोकप्रिय भी बना सकते हैं। ये वेबसाइट साल 2014 में रंजीत प्रताप सिंह, प्रशांत गुप्ता, राहुल रंजन, सरदाई मोदी और शंकरनारायण देवरंजन ने मिलकर बनाई थी, उनका उद्देश्य सिर्फ भारतीय भाषा को प्रमोट करना है। इन सभी फाउंडर्स ने मिलकर इस वेबसाइट को आगे बढ़ाया बाद में साल 2015 के समय टाइम्स इंटरनेट एक्सिलरेटर से काम करके 30 डॉलर जमा किए और साल 2016 में नेक्सस नेंचर पार्टनर्स जैसे स्पॉन्सर्ड मिल गए और यहां उन्होंने 1 मिलियन तक कमाया लेकन ये सभी लिखित आंकड़े हैं इसके यूजर्स इस वेबसाइट को बहुत पसंद करते हैं और इस वेबसाइट से करीब 15 लाख लोग यूजर्स जुड़े हैं।
ये वेबसाइट है प्रतिलिपि की प्रतियोगी
किसी भी बिजनेस में आप अगर जरा भी लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं तो आपका प्रतियोगी पहले खड़ा हो जाता है। कोई ना कोई आपको फॉलो करते हुए आप तक पहुंच जाएगा और फिर आपको टक्कर देने के लिए हर संभव प्रयास करेगा। वैसे तो प्रतिलिपि को टक्कर देने वाली कई वेबसाइट हैं लेकिन इसे सीधे टक्कर शब्दनगरी देती है। pratilipi.com को shabd.in बराबर की टक्कर देने में सक्षम है। आईआईटी मुंबई से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक और एमटेक करने वाले अमितेश मिश्रा ने आईआईटी कानपुर का इनक्यूबेशन सेंटर ज्वाइन किया। उन्होंने साल 2007 में हिंदी सोशल साइट शब्द नगरी पर रिसर्च शुरु किया था और जो तब साल 2015 की आखिर में पूरा हुआ। जनवरी, 2016 में लॉन्च हुई और इसके फाउंडर अमितेश मिश्रा ने अमर उजाला को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि उनका उद्देश्य सिर्फ हिंदी भाषा का प्रचार करना है जिससे भारत के हिंदीभाषी लोग आसानी से जुड़ सकें।
शब्दनगरी से भी कई इन दोनों की ही अलग-अलग खासियत है लेकिन प्रतिलिपि और शब्द में किस तरह से प्रतियोगिता है इसके बारे में आपको जरूर पता होना चाहिए। शब्दनगरी और प्रतिलिपि में बहुत सी बातें एक जैसी हैं लेकिन कुछ ऐसी भी चीजें हैं जो शब्दनगरी को प्रतिलिपि से अलग बनाती है।
प्रतिलिपि में क्या-क्या हैं खूबियां ?
1. प्रतिलिपि में आपके लेख को ऑनलाइन किया जाएगा और इसके लिए आप खुद लिखकर पब्लिश कर सकते हैं।
2. प्रतिलिपि में कोई भी जुड़ सकता है और आपके लेख को कितनी बार पढ़ा गया ये भी आप देख सकते हैं।
3. आप किसी भी भाषा में लिखना चाहें तो प्रतिलिपि वेबसाइट पर लिख सकते हैं। आप अपनी पसंदीदा भाषा को अपनी पहचान बना सकते हैं।
4. प्रतिलिपि में लिखे गए लेखों को आप फेसबुक और व्हाट्सएप में अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं और इसमें अगर आपने एक बार लिख लिया तो आपका इंट्रेस्ट इस वेबसाइट पर लिखने का हो जाएगा।
5. प्रतिलिपि पर हर दिन लाखों लोग अपनी-अपनी पसंद के विषय पर लिखते हैं और इस वेबसाइट पर व्यूवर्स की संख्या लाखों में होती है।
6. प्रतिलिपी पर आप अनेकों लेख पढ़ सकते हैं जो अलग-अलग टॉपिक्स पर लिखे हुए हैं लेकिन इसमें आप कोई टिप्पणी ना देते हुए रेटिंग्स दे सकते हैं। ऐसे में अगर पढ़ने वाला कुछ शिकायत, सुझाव या बताना चाह रहा हो तो वो नहीं कर सकता है।
शब्दनगरी में क्या-क्या हैं खूबियां ?
1. शब्दनगरी पर भी आप आईडी बनाकर खुद के पसंदीदा आर्टिकल्स लिख सकते हैं। इसमें आपको अलग-अलग कैटेगरी में लिखने का मौका मिलता है।
2. शब्दनगरी पर आपके फेसबुक की तरह एक दोस्त बन सकते हैं और आपके आर्टिकल पर लोग टिप्पणी या उसे पसंद कर सकते हैं।
3. प्रतिलिपि की तरह आप शब्दनगरी पर भी हिंदी के अलावा अंग्रेजी, मराठी, तमिल, कन्नड़, बंगाली, गुजराती, मलयालम, पंजाबी, उड़िया, संस्कृत, तेलुगु, उर्दू भाषाओं में लिख सकते हैं।
4. शब्दनगरी में हर दिन हजारों लोग लिखते हैं और शब्दनगरी की टीम द्वारा बेस्ट आर्टिकल को सिलेक्ट भी किया जाता है। इसके अलावा भी कुछ आर्टिकल्स सिलेक्टेड होते हैं।
5. शब्दनगरी में हर दिन लोग जुड़ते हैं और अपनी प्रतिक्रियाएं देते हैं, इससे अगर आप फेसबुक या ट्विटर की तुलना भी करते हैं तो ये कोई बड़ी बात नहीं होगी।
6. शब्दनगरी में आपको अगर किसी के लेख से कोई परेशानी है, वो लेख आपको पसंद आया हो या फिर आप उन्हें कोई सुझाव देना चाहते हों तो आप टिप्पणी करके या उनसे मित्रता करके डायरेक्ट मैसेज में बात कर सकते हैं।
7. शब्द नगरी अपने यूजर्स को हर तरह का खुलापन देती है जिससे आप अपने सभी अच्छे ख्याल लोगों तक पहुंचा सकते हैं वो भी अपने मनपसंद टॉपिक्स पर बात करके।