इस साल भारत अपनी आजादी के 73वें साल में कदम रखेगा और इसके साथ ही पूरे देश में लोगों ने 15 अगस्त की तैयारियां भी अपने स्कूल, दफ्तर और घरों में शुरु कर दी है। इस साल 15 अगस्त को ही रक्षा बंधन का पर्व पड़ने वाला है और ये वजह भी है जब पूरा देश इस दिन को धूमधाम से मनाने वाला है। हर कोई आजादी के जश्न में डूब जाना चाहता है। इसी के साथ क्या आपको पता है कि भारत से अलग हुए पाकिस्तान अपना स्वतंत्रता दिवस कब मनाता है ? 14 अगस्त, 1947 को ही पाकिस्तान भारत से अलग कर दिया गया था। देश में बढ़ते दंगों और निर्दोष लोगों के मरने से अच्छा था कि देश के टुकड़े कर दिए जाएं, इस नीति को अपनाते हुए गांधी जी ने पाक वाला हिस्सा जिन्ना को दे दिया और तब से पाक अपना स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त को ही मनाता है।ऐसे मे आपको ये बताना जरूरी है कि पाकिस्तान के आजादी के जश्न में भारतीय क्रिकेट में क्यों यादगार है ये दिन ?
पाकिस्तान की आजादी और भारतीय क्रिकेट का कनेक्शन
अगर भारतीय क्रिकेटर्स के नजरिये से देखा जाए तो ये उनके लिए बहुत ही खास दिन के रूप में मनाया जात है। अब आप सोचेंगे भला पाकिस्तान की आजादी में भारतीय क्रिकेटर्स का क्या योगदान तो आपको बता दें कि आज ही के दिन भारत सहित दुनिया ने जाना था कि इंटरनेशनल क्रिकेट में क्रिकेट का भगवान आ चुका है। टीम इंडिया की शान और पूर्व बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट के सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में एक माना जाता है। मास्टर ब्लास्ट के नाम से फेमस सचिन ने अपने स्वर्णिम करियर में कई रिकॉर्ड्स तोड़े और इसमें इंटरनेशनल क्रिकेट में व्यक्तिगत 100 शतकों का कीर्तिमन भी शामिल है। साल 2013 के सभी प्रारूपों से सन्यास लेने से पहले सचिन तेंदुलकरने टेस्ट में 51 शतकों और वनडे में 49 शतक जमाने का रिकॉर्ड बनाया था। सचिन तेंदुलकर ने ठीक 28 साल पहले आज ही के दिन दुनिया को बताया था कि वे भविष्य में क्रिकेट के भगवान बनेंगे। इंग्लैंड के खिलाफ ओल्ड ट्रेफोर्ड में खेले गए दूसरे टेस्ट में तेंदुलकर ने अपने इंटरनेशनल करियर का पहला शतक बनाया और टीम इंडिया के लिए इस मैच को सुरक्षिच भी किया बाद में ये मैच ड्रॉ होने पर खत्म किया गया।
इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था और पहली पारी में 519 रन का बड़ा स्कोर बनाया। फिर इसके जवाब में सचिन तेंदुलकर ने 68 और कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 179 की पारियों की बदौलत भारत ने 432 रन बनाए। बहुत लड़ने पर भी टीम इंडिया 87 रन से पीछे रह गई। इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी 320/4 के स्कोर पर घोषित की और भारत के सामने 408 रन का लक्ष्य आया। टीम इंडिया की दूसरी पारी में हालत खराब रही और वह एक समय 127 रन के स्कोर पर पांच विकेट गंवाकर की और फिर 17 साल के सचिन तेंदुलकर क्रीज पर आए।क्रीज पर आते ही इंग्लैड युवा तेंदुलकर के सामने परेशान हो गए। सचिन ने आते ही 17 चौकों की मदद से इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना पहला शतक जमाया। दाएं हाथ के बल्ले बाज ने 119 रन बनाए और मनोज प्रभाकर के साथ मैदान में डटे रहे, जिन्होंने हाफ सेंचुरी बनाई थी। आखिरी दिन स्टंप्स की घोषणा के सामने टीम इंडिया ने 6 विकेट खोकर 343 रन बना लिए थे। सचिन ने ना सिर्फ टीम इंडिया को इस मैच में बचाया बल्कि वे टेस्ट शतक जमाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज भी बन गए थे। तब उनकी उम्र सिर्फ 17 साल थी।
पूरी दुनिया में छा गए थे सचिन
सचिन तेंदुलकर भारतीय क्रिकेट के ऐसे महान बल्लेबाज हैं जिन्हें देखने पर कोई ये नहीं कहेगा कि क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले व्यक्ति हैं। स्वभाव से बेहद सरल सचिन तेंदुलकर ने अपनी मेहनत और लगन से देश को कई मैच जितवाए लेकिन वर्ल्ड कप के लिए हमेशा तरसे। वे सन्यास नहीं ले रहे थे क्योंकि अपने कार्यकाल में ही वे वर्ल्ड कप जीतना चाहते थे। सचिन का ये सपना साल 2011 में महेंद्र सिंह धोनी ने पूरा किया था। इसके दो साल बाद ही सचिन क्रिकेट से सन्यास ले लिए, उस वर्ल्ड कप में सचिन खेले नहीं थे लेकिन टीम इंडिया की टीशर्ट पहकर मैदान में अपने धुरंधरों का हौसला अफजाई जरूर कर रहे थे। उस समय की टीम ने वर्ल्ड कप सचिन को समर्पित किया और वो मंजर काफी भावुक था। सचिन ने अपने टेस्ट करियर में 51 शतक जमाए हैं और इसमें इंग्लैंड के खिलाफ 32 मैचों में 7 शतक बनाए। सचिन ने थ्री लायंस के नाम से जानी जाने वाली इंग्लैंड के खिलाफ साल 2002 में लीड्स में खेले गए टेस्ट में 193 रन की पारी खेली थी। ये मैच भारत ने एक पारी और 46 रन से जीता था। ये इंग्लैंड के खिलाफ सचिन की सबसे बेहतरीन पारी मानी जाती है।