1 सिंतबर से भारत ट्रैफिक रूल्स पर कई नये बदलाव हुए हैं। गाड़ी चाहे टू व्हीलर हो या फोर व्हीलर्स, अगर आपने जरा भी इन सबमें लापरवाही बरती तो आपको सख्त सजा मिल सकती है। इसके अलावा चालान के नाम पर अब 100-500 से नहीं बल्कि 20 हजार से 2 लाख तक लग सकते हैं। इसके अलावा इंश्योरेंस, आरसी, हेलमेट और लाइसेंस मिलने पर भी इतने सख्त कानून बना दिए गए हैं जो लोगों को परेशानी में डाल रहे हैं। अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि ड्राइविंग लाइसेंस बनने की प्रक्रिया अब काफी जटिल हो गई है, चलिए बताते हैं क्या-क्या एडिशनल नियम लागू हुए हैं?
ड्राइविंग लाइसेंस बनना और भी कठिन
पर्वतीय इलाकों में आए दिन होने वाले हादसों पर पाबंदी लगाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया को कठिन कर दिया गया है। लोगों को अब हिल ट्रैक परीक्षा पास करनी होगी, ये व्यवस्था कुछ ही दिनों में लागू होने वाली है। दरअसल उत्तराखंड एआरटीओ प्रशासन अरविंद पांडे के मुताबिक, वर्तमान में आवेदकों को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रेनिंग रिसर्च यानी आईडीटीआर में एस फार्मेशन, समानांतर पार्किंग, बैक पार्किंग की परीक्षा देनी पड़ती है लेकिन पर्वतीय इलाकों में आए दिन होने वाले हादसों को रोकने के लिए अब ट्रैक हिल परीक्षा पास करना अनिवार्य हो गया है। इस परीक्षा के दौरान चालकों को पहाड़ों के ढलान, चढ़ाई के साथ ही घाटियों, खतरनाक मोड़ों पर गाड़ी चलाने होगी। इसमें पास होने के बाद ही आवेदकों को ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाएगा।
एआरटीओ अरविंद पांडे के मुताबिक, इस प्रक्रिया को लागू किए जाने के बाद सिर्फ उन्हीं चालकों का ड्राइविेंग लाइसेंस बनेगा जो असल में इन पर्वतीय इलाकों में गाड़ी चलाने की प्रक्रिया को पूरा कर लेंगे। ऐसा होने से पर्वतीय इलाकों में होने वाले हादसों को रोका जा सकता है। अब चार पहिया के साथ ही दो पहिया वाहनों को चलाने वालों को भी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए झाझरा स्थित आईडीटीआर में टेस्ट देना होगा। फिलहाल आरटीओ इसमें काम कर रहा है और ऐसा बहुत जल्द ही लागू होगा।