दिल्ली विधानसभा चुनाव अगले साल होने वाले हैं और ऐसे में कांग्रेस, बीजेपी और केजरीवाल ने अपनी-अपनी कमर कस ली है। हर कोई अपनी पार्टी को अच्छा साबित करने की प्रक्रिया शुरु कर चुका है। इसी मैदानी जंग मे अपने पिता का समर्थन करने के लिए वर्तमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की बेटी भी उतर आई हैं। उन्हें दिल्ली की सड़कों पर देखा गया जो लोगो ंके साथ बातचीत करती नजर आई। केजरीवाल की सरकार फिर से बने ना बने लेकिन इनकी बेटी फेमस जरूर हो जाएंगी। चलिए बताते हैं इनकी बेटी का नाम क्या है और ये क्या पढ़ाई करती हैं।
केजरीवाल की बेटी उतरी पापा के समर्थन में
12वीं में 96 प्रतिशत लाने वाली और आईआईटी जेईई में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली 23 साल की हर्षिता केजरीवाल अपने पिता अरविंद केजरीवाल की राह पर चल पड़ी हैं। गुरुग्राम स्थित एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करने वाली हर्षिता ने कंपनी से 5 महीने की छुट्टी लेकर पिता के नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी ली है। हर्षिता पिछले दो हफ्ते से इस विधानसभा क्षेत्र की अलग-अलग कालोनियों में हर दिन दो नुक्कड़ सभाएं करती हैं और इसके जरिए मतदाताओं से सरकार के कामकाज का फीडबैक लेती हैं। इनकी योजना विधानसभा चुनाव संपन्न होने तक इस विधानसभा में डटे रहने की है। फिलहाल ये बात साफ नहीं है कि हर्षिता भविष्य में राजनीति में आएंगी या नहीं मगर उनका मकसद अपने पिता को एक बार फिर से जितवाना है और कुछ नहीं। पिछले दो हफ्तों से इस विधानसभा क्षेत्र की खाक छान रहीं हर्षिता अब तक करीब दो दर्जन नुक्कड़ सभाएं कर चुकी हैं। सोमवार से शुक्रवार तक हर दिन दो तो शनिवार और रविर को हर दिन तीन-तीन नुक्कड़ सभाएं करती हैं। शनिवार देर रात गोल मार्केट के सेक्टर 2 स्थित 9 ब्लॉक के पार्क में हर्षिता ने कहा कि उन्होंने पांच महीने की छुट्टी लेकर आम आदमी पार्टी की मदद करने का फैलसा किया है।
मुख्यमंत्री की बेटी चुनाव प्रचार में कोई ज्यादा पॉपुलर नहीं है। वो कॉलनियों के अंदर बने छोटे-छोटे पार्क में मतदाताओं के छोटे-छोटे समूह को संबोधित करती हैं। इस दौरान दूसरे दलों पर आरोप लगाने के बदले केजरीवाल सरकार अपनी उपलब्धियां गिनाने पर ध्यान देती हैं। नुक्क़ड़ सभा से पहले आप के वॉलंटियर संबंधित कॉलोनी के छोटे-छोटे पार्क में मतदाताओं को संबोधित करती है। नुक्कड़ सभा से पहले आप के वॉलंटियर संबंधित वे एक-एक घर जाकर कार्यक्रम की जानकारी देते हैं। केजरीवाल की बेटी हर्षिता सबसे पहले लोगों से उनकी सरकार से क्या-क्या परेशानी है इसके बारे में पूछती हैं। इसके बाद बिजली-पानी की सहूलियत पर फीडबैक लेती हैं। आखिर में केजरीवाल सरकार की एक-एक योजना की जानकारी देते हुए इन योजनाओं में सुधार के लिए भी सुधाव मांगती है। इस दौरान वॉलंटियर सुझावों-शिकायतों को लैपटॉप पर लगातार नोट भी करती रहती हैं। इस दौरान हर्षिता का मुख्य फोकस युवाओं और महिलाओं पर होता है। युवाओं को मुफ्त कोचिंग तो बुजुर्ग महिलाओं को सरकार की तीर्थ योजनाओं की जानकारी दी जाती है। संबोधन की शुरुआत भाजपा के पांच, कांग्रेस के दस और आप के साढ़े चार साल की तुलना की जाती है।