राजनीति एक ऐसा दलदल माना जाता है जहां पर जाने के बाद कोई वापस नहीं आ पाता और फिर आप चाहे जितने अच्छे काम कर लें लोग आपको गलत समझेंगे ही। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि राजनीति में आने वाले बहुत से लोग अपने मतलब के लिए आते हैं लेकिन जो सच्चे लोग होते हैं और सच में देश के लिए कुछ करना चाहते हैं वो भी शक के घेरे में आ जाते हैं। आम जनता तो राजनीति में रहने वाले नेताओं को हमेशा भ्रष्ट ही समझते हैं और तभी ज्यादातर नेताओं को कोसते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला साल 2011 में सामने आया था जब कांग्रेस नेता शरद पवार को एक संदिग्ध आदमी ने सबके सामने थप्पड़ जड़ दिया था और फिर फरार हो गया।
इस वजह से शरद पवार को मारा था थप्पड़
साल 2011 में जब शरद पवार कृषि मंत्री थे और दिल्ली में इफको के एक साहित्यिक कार्यक्रम के पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे तब उनके साथ ये कांड हो गया। भीड़ में एक नवजवान आया और उसने शरद पवार को जोर दार थप्पड़ मार दिया था, जिसमें वे लड़खड़ाते हुए बचे क्योंकि सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें संभाल लिया था। फिर गार्ड्स ने उस युवक को पकड़ा जिसका नाम हरविंदर सिंह था और वो दिल्ली में ही ट्रांसपोर्टर था। 245 नवंबर, 2011 को ये घटना हुई थी और इसके बाद हरविंदर को हिरासत में ले ही लिया गया था मगर वो फरार हो गया। साल 2014 में कोर्ट ने उसे फरार घोषित कर दिया था और अब जाकर वो दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आया है। शरद पवार पर ऐसे हमले होने से उस समय की सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष के लोगों ने खूब आलोचनाएं की थीं।
थप्पड़ मारने वाले ने इस बात को कबूल किया था कि वो सोच-समझकर उन्हें मारने आया था क्योंकि सभी नेता भ्रष्ट हैं और शरद पवार उनमें से एक हैं। ऐसा बताया जाता है कि हरविंदर सिंह ने पवार से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम पर हमला किया था और उस समय बताया गया था कि युवक बढ़ती महंगाई और बुरी व्यवस्था से नाराज था। मगर अब ये कहानी खत्म हो गई है।