हनुमान चालिसा हिंदू धर्म में बहुत ही फेमस है, अक्सर लोगों को जब डर लगता है तो वे हनुमान चालिसा पढ़कर अपने आपको तसल्ली देते हैं कि बजरंगबली हमारे साथ हैं। उनके होने का एहसास ही हमारे डर को भगा देता है और हम चैन से रहने लगते हैं। इसे हम किसी भी जगह पर कर सकते हैं और इसमें कोई डर की बात भी नहीं है और इसी बात को समझकर हाल ही में बंगाल यूपी और झारखंड के बाद अब इस राज्य में भी हनुमान चालिसा बीच सड़क पर पढ़ी गई और अब उत्तराखंड में हनुमान चालिसा पढ़ी गई है। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई, फिर क्या हुआ इसके बारे में जानिए।
उत्तराखंड में सड़क पर पढ़ी गई हनुमान चालिसा
बंगाल, यूपी, झारखंड के बाद अब उत्तराखंड की राजधानी में भी सड़क पर हनुमान चालिसा का पाठ किया गया और यहां पर रोड पर ही जाम लग गया। सूचना मिलने पर पुलिस वहां पहुंच गई और वहां पर संगठन के सदस्यों और पुलिसकर्मियों के सदस्यों के तीखी नोक-झोंक होने लगी। देहरादून की चकराता रोड पर हिंदू युवा वाहिनी के सदस्यों द्वारा सड़क पर ही हनुमान चालिसा का पाठ करने से जाम लग गया और फिर संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष गोविंद वाधवा के नेतृत्व में मंगलवार शाम करीब 6 बजे संगठन के सदस्य चकराता रोड स्थित हनुमान मंदिर के बाहर इकट्ठा हुए और सड़क पर ही हनुमान चालिसा शुरु कर दी।
ऐसा करने से दोनों ओर वाहनों की लाइने लग गईं और मौके पर कुछ ही देर में पुलिस पहुंच गई और उन लोगों को समझाकर सड़क से हटा दिया। इसके बाद यातायात सामान्य हुआ और इस दौरान संगठन के सदस्यों ने हनुमान चालिसा का पाठ करने के साथ ही जय श्री राम के नारे भी लगाए गए। इस मौके पर जीतू रंधावा, गणेश उनियाल, भावना शर्मा, रजीत ठाकुर, जितेंद्र राजपूत, राजीव नाम के सदस्य शामिल रहे। संगटन के कुछ सदस्यों के मुताबिक कार्यक्रम की पुलिस को पहले से सूचना दी गई थी। वहीं इस संबंध में एसएसपी निवेदिता कुकुरेती ने कहा कि जाम लगाने की सूचना मिलने पर ही पुलिस वहां तुरंत पहुंची और सभी सदस्यों को हटाकर यातायात सामान्य कराया। इसके अलावा कोई सूचना पुलिस वालों को नहीं दी गई थी।
मुश्किल से दूर हुई गलतफहमी
संगठन और पुलिस कर्मियों के बीच बातों-बातों में ही घमासान झगड़ा हो गया और बात यहां तक पहुंच गई कि लोगों को पुलिस थाने ले जाने लगा गया था। मगर समय पर ही कुछ सुलझे हुए लोगों ने बताया था कि इसकी जानकारी प्रशासन को दी गई थी लेकिन ये बात ऊपर तक नहीं पहुंचाई गई। इस बात में कुछ गलतफहमी हो गई है और उन संगठन वालों ने माफी भी मांगी तब जाकर बात को खत्म किया गया। एक बार फिर जय श्री राम के नारे से पूरा इलाका गूंज गया और बात को खत्म कर दिया गया। वैसे हनुमान चालिसा जैसी भक्ति इंसान को करनी चाहिए लेकिन अगर इससे किसी को परेशानी होती है तो ये गलत है और इसके लिए हम सभी को एकत्र होकर समझना होगा। भगवान की भक्ति में हमें अपने फर्ज को नहीं भूलना चाहिए और ये भी ख्याल रखना चाहिए कि किसी को इससे कोई समस्या तो नही हो रही।