जबसे नोटबंदी हुई है तबसे एक नहीं बल्कि कई ऐसे नेता सामने आए हैं जिनके पास अरबों-खरबों की प्रॉपर्टी थी। पिछले कई समय से कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार इनकम टैक्स के घेरे में फंसे हुए हैं और अब उनकी बेटी भी इस घेरे में आ गई है। डीके शिवकुमार ने अपनी बेटी ऐश्वर्या शिवकुमर के नाम से कई कंपनियों में अलग-अलग निवेश किया था और अब जबकि वो 22 साल की है तो उसके नाम पर करीब 108 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी हो गई है जो लड़की की उम्र के हिसाब से काफी ज्यादा है। ऐसे में लड़की को भी शक के घेरे में ले लिया गया है और अब उनके ऊपर कार्यवाही की जा रही है।
ऐश्वर्या शिवकुमार के नाम है 108 करोड़ की प्रॉपर्टी
कांग्रेस के कर्नाटक से नेता डीके शिवकुमार के बाद अब मनी लॉन्ड्रिंग की आंच अब उनकी बेटी तक भी आ गई है। डीके शिवकुमार को ईडी पहले से ही गिरफ्तार कर चुकी है और उन्हें 13 सितंबर तक ईडी की हिरासत में रखने का आदेश दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स् के मुताबिक डीके शिवकुमार ने अपनी बेटी ऐश्वर्या शिवकुमार के नाम से अलग-अलग कंपनियों में भारी मात्रा में रुपये निवेश किये थे। ऐश्वर्या की उम्र सिर्फ 22 साल है और उनके नाम 108 करोड़ रुपये हैं और इस वजह से ऐश्वर्या को ED यानी Enforcement Directorate ने पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया गया है। अगर साल 2018 के चुनावी शपथपत्र की बात करें तो डीके शिवकुमार ने 618 करोड़ रुपये की संपत्ति बताई थी। ऐश्वर्या को कैफे कॉफी डे से 20 करोड़ रुपये का कर्ज मिलने की बात सामने आई और कैफे कॉफी डे के संस्थापक वीजी सिद्धार्थ कांग्रेस सरकार के कर्नाटक मुख्यमंत्री रह चुके एसएम कृष्णा के दामाद हैं। सिद्धार्थ ने कुछ ही समय पहले आत्महत्या कर ली थी और डीके शिवकुमार बिजनेस के सिलसिले में साल 2017 में सिंगापुर गए थे। इस खबर को क्राइम रिपोर्टर जितेंद्र शर्मा ने ट्वीट करके बताया है।
प्रवर्तन निदेशालय ने शिवकुमार की बेटी ऐश्वर्या को नोटिस भेजा है। डीके शिवकुमार ने अक्टूबर, 1990 में ही पहली बार मंत्री पद का कार्यभार संभाला था। ईडी ने शिवकुमार की बेटी ऐश्वर्या को गुरुवार (सितम्बर 12, 2019) को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया और वे उसी दिन यहां पहुंची भी। इस दौरान सिंगापुर ट्रिप से लेकर विभिन्न डाक्यूमेंट्स उनके सामने रखे जाएंगे और ईडी ‘प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट’ के अंतर्गत पूछताछ होगी। टैक्स, धोखाधड़ी और हवाला डीलिंग मामले में शिवकुमार के ख़िलाफ़ इनकम टैक्स विभाग ने मामला दर्ज कर लिया है। शिवकुमार नोटबंदी के बाद से ही सरकारी एजेंसियों के राडार पर थे और अगस्त 2017 में उनके घर से 8.59 करोड़ रुपए कैश बरामद हुए थे। इसके बाद उनके ख़िलाफ़ अलग-अलग धाराओं के मामले दर्ज किए गए थे।