भारत में विवादित बयान देने का एर रिवाज सा चल गया है इसमें बिन सिर-पैर की बातें करने का अधिकार मानो हर किसी को मिल गया है। पिछले दिनों कई विवाद मीडिया के जरिए हम सबके सामने आए और अब एक और विवादित बयान का आपको सुनना होगा। भारत की कई बड़ी एजेंसियां जो काम आज तक नहीं कर पाईं वो काम एक संत ने कर दिखाया है और उन्होंने पता लगा लिया है कि भारत में आतंकवाद क्यों बढ़ रहा है। इसके पीछे कोई नफरत या रंजिश नहीं है बल्कि एक पशु है...जी हां आपने सही सुना, चलिए बताते हैं क्या है पूरा मामला?
आतंकवाद का जरिए है बाघों की कमी होना
पेजावर मठ के स्वामी विश्वेश तृतीयथा ने भारत में आतंकवाद बढ़ने के कारण राष्ट्रीय पशु बाघ बताया है। मतलब जो काम भारत सरकार और बाकी किसी एजेंसी नहीं कर पाई वो अब भारत का ये शख्स कर रहा है। इससे पता चल गया कि आतंकवाद आखिर बढ़ क्यों रहा। कर्नाटक के उड्डपी में इन्होने बताया, 'बाघ और आतंकवादियों की विशेषता एक जैसी होती है। हमने बाघ को अपना राष्ट्रीय पशु मानकर गलती की, हमें बाघ को राष्ट्रीय पशु मान लेना चाहिए।' उड्डपी में आयोजित संतों की मंडली 'संत समागम' में बाबा रामदेव भी शामिल हुए थे। रामदेव ने सभा को संबोधित करते हुए बताया कि मांसाहार के कारण ही ग्लोबल वॉर्मिंग बढ़ रही है। रामदेव ने गौ हत्या पर रोक लगाने के लिए कड़े कानून बनाने की बात कही। इसी कार्यक्रम में अध्यक्षता कर रहे पलिमार मठ के सिद्धांत ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भारत का अगला कदम पीओके लाने का होना चाहिए।
कुल मिलाकर इन सबका यही मतलब है कि गाय को जैसे ही राष्ट्रीय पशु बनाया जाएगा तो आतंकवाद हमेशा के लिए रुक जाएगा। महंत तो ये भी कह रहे हैं कि आतंकवाद के खिलाफ दुनिया भर को सारी लड़ाई खत्म कर देनी चाहिए और इसका उपाय गाय है लेकिन महंत जी को कौन बताएगा कि दुनियाभर में फैले आंतकवाद से लड़ने के लिए पूरी दुनिया सारी जुगत भिड़ा रही है लेकिन किसी की तरफ से कोई बात बन नहीं पा रही है। ऐसे में महंत का उपाय कितना कारगर साबित होगा इसका अंदाजा सिर्फ इससे ही लगाया जा सकता है कि उनकी सोच कहां-कहां तक जाती होगी।