शिक्षा वो शस्त्र है जिसे प्राप्त करके हम दुनिया की हर लड़ाई जीत सकते हैं लेकिन जब इस शस्त्र को पाने के लिए हमें मेहनत और तपस्या के अलावा पैसे भी खर्च करने पड़े तो इसे कैसे पाया जा सकता है? ये सोचने वाली बात है क्योंकि आज के दौर में शिक्षा एक कारोबार बन गया है और लोग शिक्षा जरूरी है इसका फायदा उठाकर संस्थान वाले फीस में इतनी बढ़त ला देते हैं कि ये आम लोगों के लिए मुश्किल पैदा कर देता है। ये एक बड़ा सवाल है कि शिक्षा की कीमत इतनी क्यों नहीं रखी जाती जिसे हर कोई ग्रहण कर सके ना कि उसकी हाई फीस को जानकर उसे छोड़ने का फैसला कर लिया जाए। कुछ ऐसा ही उत्तराखंड में भी हो रहा है जब शिक्षा का कारोबार हर जगह जोरों पर हो रहा है और ये बहुत सोचने वाली बात है कि ऐसा करना काफी गलत है। चलिए बताते हैं क्या है पूरा मामला?
मेडिकल छात्रों को मांगनी पड़ रही है भीख
उत्तराखंड के देहरादून में मेडिकल की पढ़ाई करने वाले 3500 स्टूडेंट्स ने विरोध प्रदर्शन किया है और वे विरोध करने के इस अनोखे तरीके को अपनाते हुए काम कर रहे हैं। वे सड़कों पर कटोरा लेकर भीख मांग रहे हैं, जिसमें आने जाने वालों से लेकर कारों में बैठे लोगों से भी पैसा मांग रहे हैं। दरअसल ये सभी आयुर्वेद के स्टूडेंट्स हैं और इनका विरोध इसलिए है क्योंकि कॉलेज ने उनकी फीस दो से तीन गुना बढ़ा दी है। इतनी फीस देकर वे आगे पढ़ेंगे तो उनके परिवार का सबकुछ बिक जाएगा और इसके लिए उन्होंने हाई कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई और इसके बाद कोर्ट ने कॉलेजों को आदेश दिया कि वे बढ़ी हुई फीस कम करें और जिनसे अब तक बढ़ी फीस ली जा चुकी है उसे भी वापस करें।
रिपोर्ट्स के मुताबिक कोर्ट के आदेश के बाद भी कॉलेज फीस वापस नहीं कर रह है और इसके बाद स्टूडेंट्स ने विरोध का नया रास्ता ढूंढ लिया और वे सड़को पर कटोरा लेकर भीख मांगने लगे। उत्तराखंड सरकार प्राइवेट आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों के आगे काफी बेबस हो गई है और कोर्ट के आदेश के बाद भी एक्शन नहीं लिया जा रहा। इससे पहले तो स्टूडेंट्स कॉलेज परिसर में ही विरोध कर रहे थे और जब इनपर ध्यान नहीं दिया गया तो वे लोग देहरादून सचिवालय के पास बने पवेलियन ग्राउंड में बैठ गए। मगर बात इससे भी नहीं बनी तो स्टूडेंट्स सड़क पर आ गए और उनके मुताबिक वे आुयष मंत्री कर्पशन फंड में पैसा जमा करने के लिए भीख मांग रहे हैं। मीडिया ने उन छात्रों से बात करने की कोशिश की लेकिन स्टूडेंट्स प्रशासन के साथ ही अब किसी से बात नहीं कर रहे हैं। उन्हें बस अपनी मांग पूरी करनी है किसी भी तरह।