एक महिला को क्या-क्या सहना होता है ये एक महिला ही समझ सकती है लेकिन अगर इस बात को हर कोई समझे तो किसी महिला को किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। कुछ ऐसा ही मामला देहरादून जिले के चकराता तहसील के दुर्गम गांव बुरायला में हुई है जहां पर सड़कें नहीं होने के कारण एक गर्भवती महिला जो प्रसूता रही है उसकी जान पर बन आई थी। लगभग 131 किलोमीटर तक गर्भवती महिला को घूमाते रहे उसके परिजन क्योंकि सड़क पक्की ना होने की वजह से उन्हें ले जाने में परेशनी का सामना करना पड़ रहा था। चलिए बताते हैं क्या है पूरा मामला ?
गर्भवती महिला की बन आई जान पर
देहरादून के इस गांव में सड़कों की समस्या बहुत हो गई है। जानकारी के मुताबिक कुछ दिन पहले रीना पत्नी रमेश निवासी बुरायला ने घर पर ही एक बच्चे को जन्म दे दिया और ग्रामिण राजेंद्र सिंह चौहान, संजय, पप्पू, रघूवीर, सुरेंद्र जैसे लोगों का कहना है कि सड़क निर्माण को लेकर उन्होने कई बार विभागीय अधिकारियों से बात की है और कई बार उन्हें रिक्वेस्ट भी करनी पड़ी लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो पाई। बच्चे के जन्म के दौरान ज्यादा रक्त स्राव होने की वजह से उसकी तबियत रास्ते में कुछ ज्यादा ही खराब हो गई थी। किसी तरह परिवार वालों ने उसे अस्पताल ले जाने की कोशिश की मगर क्षेत्र में सड़क नहीं होने के कारण परिजन रीना को बांस के डंडों में बांधकर लोहे की रॉड हैड तक 14 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ी थी।
बरसात के मौसम में उस क्षेत्र में कोहरा छाया हुआ था और ऊपर से ठंड भी होने लगी थी। उन्हें रीना को कंबल में लपेट कर मुख्य सड़क तक ले जाना पड़ा था और इस दौरान रीना दर्द से हर समय कराह रही थी। रॉड हैड पर पहुंचकर रीना को करीब 72 किमी दूर सीएचसी विकासनगर ले गए लेकिन यहां पर डॉक्टर्स ने ज्यादा रक्तस्राव होने के कारण रीना को हायर सेंटर रेफर कर दिया और फिर उसकी हालत काफी बिगड़ने लगी। इसके बाद परिवार वालेउसे लेकर विकासनगर से 45 किलोमीटर दूर स्थित देहरादून निकल पड़े। परिजनों के मुताबिक, वर्तमान में रीना का देहरादून स्थित श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में इलाज हो रहा है। जहां उसकी हालत काफी गंभीर है। अगर सही मायनों में कहा जाए तो गांव में सड़क ना होने के कारण रीना को करीब 131 किलोमीटर तर मौत और जिंदगी से जूझना पड़ा। गांव वालों का कहना है कि सड़क ना होने के कारण उन्हें 14 किलोमीटर की चढ़ाई भी चढ़नी पड़ी जो 2 घंटे में पूरी हुई थी।
गांव में रहते हैं 24 परिवार
इस गांव में 25 परिवार रहते हैं और ऐसा बताया गया है कि कई बार सड़क ना होने के कारण लोगों की जान भी जा चुकी है। बुरायला गांव दुनवा खत अंतर्गत में आता है और इस खत में जगथान, बुरायला, मताड़, सावड़ा, भंगार, खिराह, डाडुवा और कितरोली गांव भी आते हैं लेकिन इस समय गावों में से किसी गांव तक पहुंचने के लिए सड़क की सुविधा उपलब्ध नहीं है। सभी को सड़क तक पहुंचने में 14 किलोमीटर की लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। वहीं पीएमजीएसवाई के अधिकारी का कहा है कि सड़क निर्माण की स्वीकृति मिल गई है और इसपर जल्द ही काम शुरु होने वाला है।