9 नवंबर की दोपहर 11 बजे तक भारत का एक ऐसा अहम फैसला आया जिसपर पूरी दुनिया की निगाहें थीं। जैसे ही चीफ जस्टिस रंजन गंगोई और उनकी टीम ने ये फैसला सुप्रीम कोर्ट में सुनाया। एक दिन पहले ही मीडिया द्वारा ये बात सामने आ गई थी कि 9 नवंबर को 10.30 बजे फैसला आएगा और इसके बाद से ही प्रशासन ने यूपी में हाई एलर्ट कर दिया। हर जगह कर्फ्यू जैसा माहौल रहा, लेकिन ऐसा करके संभावित होने वाले दंगे पर कंट्रोल किया गया। हर किसी ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दीं और अक्सर सामाजिक मुद्दों पर बोलने वाले जावेद अख्तर ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी।
फैसले के बाद जावेद अख्तर ने ये कहा
इस फैसले में चीफ जस्टिस ने सभी सबूतों को ध्यान में रखते हुए रामलला को वो विवादित जगह दे दी। इसके बाद 3 महीने के अंदर मंदिर बनने और अयोध्या में ही मुस्लिम कमेटी को 5 एकड़ जमीन देने का आदेश यूपी सरकार को दिया है। मुस्लिम पक्ष के लोगों को इस बात से कोई एतजार नहीं है और इस पर जावेद अख्तर ने ट्विटर के जरिए अपनी बात लिखी। उऩ्होंने कहा, 'बहुत अच्छा होगा कि उन्हें मुआवजे के तौर पर पांच एकड़ जमीन मिले, वो जगह पर एक बड़ा सा चैरिटेबल अस्पताल बनवाना चाहिए। ऐसा हॉस्पिटल जहां हर समुदाय के लोग मदद कर सकें। सारी कम्यूनिटीज के लोग इस संस्था को स्पॉन्सर करें।'
जावेद अख्तर ने ऐसी बात कहकर हर किसी का दिल जीत लिया। कुछ ऐसा ही सलमान खान के पिता ने भी बोला था। मीडिया को दिए अपने एक इंटरव्यू में उन्होने कहा, 'इस जमीन पर अस्पताल बनवाना चाहिए क्योंकि नमाज तो हम ट्रेन में, प्लेन में, जमीन पर कहीं पर पढ़ सकते हैं।' जावेद अख्तर के बेटे फरहान अख्तर ने 9 नवंबर को फैसले का स्वागत किया। उन्होने ट्वीट किया, 'सभी लोगों से विनम्र आग्रह है. अयोध्या केस पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करिए. ये फैसला आपके पक्ष में हो या आपके विरुद्ध, इसे पूरी गरिमा, पूरी शालीनता के साथ स्वीकार कीजिए. हमारे देश को एक होकर इससे आगे बढ़ने की ज़रूरत है. जय हिंद.'
अयोध्या विवाद खत्म होते-होते कहीं भी दंगा या कहासुनी की खबर नहीं आने से कई बड़े देशों ने इसकी प्रशंसा की है। लोगों को डर था कि मुस्लिम या हिंदू फैसले पर ऐतराज बरतेंगे और फिर दंगा हो सकता है। मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ और हर जगह लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला अच्छे से स्वीकार किया।