वैसे तो पाकिस्तान शुरु से अपना मजाक बनाता आ रहा है लेकिन आज भी उसमें कोई बदलाव नहीं आ रहा और हमेशा की तरह इस बार भी वो अपना मजाक इंटरनेशनल लेवल पर बनाने की फिराक में है। जब से धारा 370 जम्मू-कश्मीर से हटाई गई है तब से पूरा पाकिस्तान बिलबिलाया हुआ है और पाक पीएम इमरान खान ने हर तरह की धमकी भारत को दी जिससे वो इससे डर जाए और इस धारा को कश्मीर में लगे रहने दे। व्यापार से लेकर फिल्मी कारोबार तक, परमाणु से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक तक हर तरह की चीजों से हारने के बाद जब पाक ने दूसरे देशों से मदद मांगनी चाही तो उसकी किरकिरी हो गई। चलिए बताते हैं कैसे हुआ ये सब?
पाकिस्तान की फिर हुई इंटरनेशनल बेइज्जती
कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के पाकिस्तान के सपने को फिर से झटका लग गया है। बुधवार को यूरोपियन यूनियन की संसद ने इस मुद्दे पर भारत का साथ दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक संसद के ज्यादातर सदस्य भारत के साथ खड़े दिखाई दिए और पाकिस्तान को संदिग्ध देश बता दिया। ये बयान ऐसे समय पर आया जब संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान को बहुत बड़ा धक्का लगा। इसके बावजूद कश्मीर मसले को किसी भी हाल में छोड़ने को तैयार नहीं है और ये पाकिस्तान से बर्दाश्त नहीं हो पा रहा है। यूरोपीय संसद ने साफतौर पर कहा कि कश्मीर भारत-पाकिस्तान के बीच दो पक्षों का मामला है और दोनों देशों को इसपर सीधे बात करनी चाहिए। इस मुद्दे का शांतिपूर्वर हल सुनिश्चित किया जा सके और सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि इस मसले पर किसी तो हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। संसद में 11 सालों में पहली बार ऐसा हुआ, पहली बार कश्मीर मुद्दे पर चर्चा की और ये भी कहा कि भारत के अलावा कश्मीर पर किसी और देश की कोई भूमिका नहीं है।
यूरोपीय यूनियन में पोलैंड के रिजार्ड जारनेकी ने इस विषय में कहा, 'भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। हमें भारत के जम्मू-कश्मीर में होने वाले आतंकी हमलों पर ध्यान देने की बहुत जरूरत है। यह आतंकी चांद से या किसी और दुनिया से नहीं आते हैं। ये पडो़सी देश से ही आते हैं और ये हम सभी को भारत का समर्थन करना चाहिए कि वो इस समस्या से कैसे ऊबरे।' यूरोपीय यूनियन में इटली के फलवायो मार्तसिलो ने भी इस विषय में बात की। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दी है और पाकिस्तान ऐसा स्थान है जहां आतंकवादी यूरोप में आतंकी हमले करने की योजना बनाने में सफल हो जाते हैं। यहां मानवाधिकारों का जबरदस्त उल्लंघन होता रहता है। यहां पर प्रशासन जैसा कुछ नजर ही नहीं आता।' आपको बता दें जब 5 अगस्त को धारा 370 हटने का कानून पास हुआ और 8 अगस्त को लोकसभा से ये बिल पास हुआ तो उसके बाद से पाकिस्तान कश्मीर के लिए बौखलाया हुआ है और उसने अमेरिका, रूस, चीन जैसे बड़े देशों से मदद लेनी चाही लेकिन हर जगह से निराशा मिली। सबने ये कहकर मना कर दिया कि भारत के घरेलू मामले में किसी देश को बोलने की इजाजत नहीं और ना ही पाकिस्तान को ये इजाजत है फिर भी अगर वो कुछ करेगा तो इसका विरोध सभी देश करेंगे।