दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री Sheila Dikshit का 81 साल की उम्र में निधन हो गया है। लंबे अरसे से बीमार चल रही शीला का एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था और 20 जुलाई को अचानक उनके दिल की धड़कन रुक गई और उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। शीला दीक्षित का अंतिम दर्शन रविवार को दोपहर ढाई बजे दिल्ली के निगमबोध घाट पर होगा और शाम 6 बजे निजामुद्दीन स्थित घर पर अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर रखा जाएगा।
कांग्रेस की सबसे लॉयल नेता रहीं शीला दीक्षित का जन्म 31 मार्च, 1938 को पंजाब के कपूरथला में हुआ था और उन्होंने दिल्ली के कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी स्कूल से अपनी पढ़ाई। दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस कॉलेज से मास्टर्स ऑफ आर्ट्स की डिग्री हासिल की थी। शीला दीक्षित साल 1984 से 1989 तक उत्तर प्रदेश की सांसद रही हैं और बतौर सांसद वे लोकसभा की एस्टिमेट्स कमिटी का हिस्सा भी बनी रहीं। राजनीति के कई दिग्गजों ने उनके लिए ट्वीट किया जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शुरु हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीला दीक्षित के निधन पर शोक जताया है। जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे तब शीला दीक्षित ने भी उनकी तारीफ में कुछ बातें कहीं थी, उन्होंने कहा था कि कुछ बात तो है प्रधानमंत्री में यूहीं लोग उनके पीछे नहीं है।
शीला दीक्षित ने जब से राजनीति को समझा तब से कांग्रेस से ही जुड़ी रहीं लेकिन तर्क-वितर्क में वे विपक्ष दल के नेताओं की भी तारीफ कर देती थीं। राहुल गांधी ने उन्हें बचपन से अपने घर आते-जाते देखा था और उनके निधन पर उन्होंने ट्वीट करके दुख जताया है।
इन सबके अलावा बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भी अपने ऑफीशियल ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, 'दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमति शीला दीक्षित जी के निधन की दुखद खबर से आहत हूं। देश की राजधानी दिल्ली को विकसित करने में उन्होने अतुलनीय योगदान दिया है जिसे भुलाया नहीं जा सकता।'
शीला दीक्षित को दिल्ली का चेहरा बदलने का श्रेय देना गलत नहीं है उनके कार्यकाल में दिल्ली में कई विकास कार्य हुए हैं। शीला दीक्षित ने महिलाओं की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र आयोग में 5 साल रहकर भारत का नेतृत्व किया था। वह प्रधानमंत्री कार्यकाल में 1986 से 1989 तक संसदीय कार्यराज्यमंत्री भी रही हैं और साल 1998 के लोकसभा चुनाव में उन्हे भाजपा के लाल बिहारी तिवारी ने मात दी थी लेकिन बाद में वे ही मुख्यमंत्री बनी थी। शीला दीक्षित गोल मार्केट क्षेत्र से साल 1998 में और 2003 में चुनी गई थीं और इसके बाद साल 2008 में उन्होंने नई दिल्ली क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत गईं। इन्हें दो बच्चे संदीप दीक्षित और बेटी लतिया सैयद हैं, आपको बता दें कि संदीप दीक्षि कांग्रेस से सांसद रह चुके हैं।