दुनिया में हर तरह के लोग पाए जाते है जो अपनी जरूरतों के हिसाब से किसी ना किसी चीज का अविष्कार करते रहते हैं। कुछ लोग अपने मन से चीजों को बनाते हैं तो कुछ अपनी जिद में कुछ नयी चीजें बना देते हैं। कुछ इस तरह का इनवेंट एक 12वीं के छात्र ने कर दिया क्योंकि उसे पास की किराने की दुकान पर कुछ उधार देने से मना कर दिया। समय की व्यस्तता के कारण लोग पैसा वापस ही नहीं कर पाते और उसे बहुत परेशानी उठानी पड़ती है। दोनों की सुविधा के लिए इस लड़के एक एप ही बना डाला जिसका नाम 'उधार खाता एप, चलिए बताते हैं कैसे और कौन है ये लड़का ?
'उधार खाता एप' बनाने वाला लड़का
ग्राहकों को उधार सामान देना दुकानदारों के लिए मजबूरी बन जाती है और ये उनके लिए घाटे का सौदा भी होता है। किराने की दुकान चलाने वालों से कोई ना कोई ग्राहक महीने में पैसे देने वाले बन जाते हैं, और अपने घर का सामान खरीदते हैं। ऐसे में उधार दिए सामानों को लिखने में या याद रखने में समस्या होती है। गुरुग्राम निवासी व हैरिटेज एक्सपेरिमेंटल लर्निंग स्कूल में पढ़ने वाले छात्र अर्जुन अग्रवाल ने छोटे दुकानदारों की समस्याओं को देखते हुए एक एप बना दिया। इससे दुकानदारों को उधार देने में कोई परेशानी नहीं होगी और ग्राहकों को भी सहूलियत मिल सकेगी। दरअसल पास की किराने की दुकान से हर कोई अपने दैनिक जरूरतों जैसे दूध, ब्रेड, अंडा, दही या कोई भी चीज लेने के लिए उधार लेते हैं। इन सामानों का हिसाब रखने के लिए महीने के आखिर में करके दुकानदारों से पैसे लेते हैं। इस बीच उधारी लिखना भूल जाएं, तो नुकसान हो जाता है। दुकानदारों की इसी समस्या को समझते हुए इस छात्र ने एप तैयार किया।
अर्जुन अग्रावल ने बताया कि एक दिन वो पड़ोस की दुकान पर उधार सामान लेने गया लेकिन दुकानदार ने सामान देने से मना कर दिया क्योंकि उनका पहले से काफी पैसा लोग लौटा नहीं रहे थे और ऐसे में उसने लोगों को उधार देना ही बंद कर दिया। दुकानदार की बात सुनकर वो लड़का खूब सोचा और इसके बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से एक महीने का एप डेवलपमेंट कोर्स किया। फिर महीने भर एप बनाने पर काम किया और उधारी खाता एप उसने बना डाला।
इस तरह काम करेगा एप
अर्जुन ने बताया, 'इस एप को आप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इसमें अपनी शॉप का नाम रजिस्टर करें, इसके बाद इसमें उधार खाता चलाने वाले अपने ग्राहकों का नाम और मोबाइल नंबर लिखें।' इसके साथ ही ग्राहक के खाते में हर दिन खरीदने वाले सामानों को पहले उधार की लिस्ट में शामिल किया जा सकता है और फिर जरूरत पड़ने पर इसमें कभी बदलाव लाया जा सकता है। इस एप्लीकेशन में ग्राहक को रिमाइंड करने के लिए मैसेज भेजने की सुविधा है, हालांकि इस एप पर पेमेंट की सुविधा नहीं है, अभी सिर्फ एक नोटिफिकेशन की तरह ही काम करेगा लेकिन बाद में इसमें ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा भी बनाई जाएगी।