कौन थी अमृता प्रीतम ?
गूगल ने आज अपने डूडल में प्रसिद्ध पंजाबी लेखिका अमृता प्रीतम को श्रद्धांजलि दी है और उनका ये अंदाज सिर्फ महान लेखिका को समर्पित किया है। आज अमृता प्रीतम का 100वां जन्मदिन है और गूगल का ये डूडल काफी खास अंदाज में बनाया भी गया है। अमृता अपने समय की मशहूर लेखिकाओं में से एक रही हैं और डूडल में तस्वीर के माध्यम से उन्हें कुछ लिखते हुए दिखाया गया है। इस तस्वीर पर क्लिक करने से अमृता प्रीतम से जुड़ी सारी जानकारी आपको मिल सकती है।
अमृता साल 1919 में पंजाब के गुजरांवाला जिले में पैदा हुई थीं और उन्हें पंजाबी भाषा की पहली कवयित्री माना जाता है। अमृता ने अपने जीवनकाल में लगभग सौ किताबें लिखीं थीं, जिनमें से एक उनके जीवन पर आधारित भी रही है। उनके जीवन पर आधारित किताब का नाम 'रसीदी टिकट' है। वह उन साहित्याकारों में शामिल थीं जिनकी किताबों का कई भाषाओं में अनुवाद किया गया।
उन्हें जीवन के अंतिम समय में भारत के दूसरे सबसे बड़े सम्मान पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था। जबकि साहित्य अकादमी पुरस्कार उन्हें इससे पहले ही मिल चुका था। उनके बचपन की बात का जिक्र अगर करें तो लाहौर की गलियों में इन्होने बहुत खेला और तब तो ये भारत का हिस्सा था। अमृता ने बेहद कम उम्र में ही लिखने का काम शुरू कर दिया था। अमृता की सबसे मशहूर कविता 'अज्ज आखां वारिस शाह नूं' है। इसे देश विभाजन के समय पंजाब में हुई भयानक घटनाएओं का जिक्र किया गया है। उनके काम को ना केवल भारत बल्कि पाकिस्तान में भी काफी सराहना मिली है।