"Gulzar poetry in hindi "
गुलज़ार नाम से जाना जाने वाल ये महान लेखक का असली नाम " सम्पूर्ण सिंह कालरा " है , जिन्हें आज लोग गुलज़ार और गुलज़ार साहब के नाम से जानते हैं |चाहे बात निर्देशन की हो , गीत की या काव्य लेखन की हर छेत्र में गुलज़ार साहब को अव्वल दर्जे पर रखा जाता है | गुलज़ार साहब की मुख्य रचनायें हिंदी ,उर्दू और पंजाबी में ही हैं , हालाँकि गुलज़ार साहब ने ब्रज भाषा ,खड़ी बोली ,मारवाड़ी ,हरयाणवी में भी कुछ रचनायें की हैं |
गुलज़ार साहब का जन्म 18 अगस्त 1936 में झेलम गांव में हुआ था ,जो अभी पाकिस्तान में है |लेखक और गीतकार के नाम से गुलज़ार जी को जाना जाता है ,पर इससे पहले उन्होंने बहुत से काम किये जैसे गाड़ी ठीक करने का काम | भारत सरकार द्वारा गुलज़ार जी को कई पुरुस्कार देकर सम्मानित किया जा चुका है|गुलज़ार साहब शुरुआत से ही ,प्रेम ,आम जिंदगी ,कठिनाइयों के ऊपर लिखते आये हैं | 85 साल की उम्र में भी गुलज़ार साहब अपने गानों और गुलज़ार हिंदी शायरी से लोगो के दिल पर राज कर रहे हैं| चाहे बात दिल की हो या परेशानियों की लोग हमेशा गुलज़ार जी के लिखे हुए गीत और शायरी पढ़ना और सुनना पसंद करते हैं |गुलज़ार हिंदी शायरी लोग एक दूसरे को सोशल मीडिया पर भेजते भी हैं , और गुलज़ार hindi quotes भी पढ़ना पसंद करते हैं |तो चलिए पढ़ते हैं गुलज़ार जी की लिखी हुई कुछ खास हिंदी शायरी -
गुलज़ार साहब की फेमस शायरियां | Gulzar Quotes Shayari in Hindi
1. कुछ अलग करना है तो भीड़ से हटकर चलिए, क्योंकि
भीड़ साहस तो देती है लेकिन पहचान छीन लेती है..
2. अच्छी किताबें और अच्छे लोग तुरंत समझ में नहीं आते
उन्हें गहराई से पढ़ना पड़ता है..
3. बहुत अंदर तक जला देती हैं वो शिकायतें
जो बयां नहीं होती हैं...
4. एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद
दूसरा सपना देखने के हौसले को जिंदगी कहते हैं...
5. हम तो समझे थे हम भूल गए उनको
पर क्या हुआ आज किस बात पर रोना आया..
6. कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती है
कभी जिंदगी का एक पल गुजारा नहीं जाता
7. सुना है काफी पढ़-लिख गए हो तुम
कभी वो भी पढ़ लो जो हम कह नहीं पाते..
8. मैंने मौत को देखा तो नहीं पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी
कमबख्त जो भी उससे मिलता है, जीना ही छोड़ देता है...
9. कैसे करें हम खुद को तेरे प्यार के काबिल
जब हम बदलते हैं, तुम शर्तें बदल देते हो..
10. तन्हाई की दीवारों पर घुटना का पर्दा झूल रहा है
बेबसी की छत के नीचे कोई किसी को भूल रहा है..
11. वक्त रहता नहीं कहीं भी टिक कर
आदत इसकी भी इंसान जैसी है..
12. कोई बात तब तक समझ नहीं आती
जब तक ये खुद पर नहीं गुजरती...
13. कौन कहता है हम झूठ नहीं बोलते
एक बार मेरी खैरियत तो पूछकर देखिए..
14. मैं दिया हूं, मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अंधेरे से है
ये हवा तो बेवजह मेरे खिलाफ बैठी है..
15. सीने में धड़कता जो हिस्सा है
उसी का तो ये सारा किस्सा है...
16. कभी तो चौंक कर देखे कोई हमारी तरफ
किसी की आंख में हमें भी तो इंतज़ार दिखे...
17. सहमा-सहमा डरा सा रहता है
जाने क्यों जी भरा सा रहता है...
18. खुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में
19. जब भी ये दिल उदास होता है
जाने कौन आस-पास होता है...
20. घर में अपनों से उतना ही रूठो कि आपकी बात
और दूसरों की इज्जत दोनों बरकरार रह सके...
21. शायर बनना बहुत ही आसान है
बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए..
22. तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं
रात भी आई और चांद भी था, मगर नींद नहीं...
23. बेहिसाब हसरतें नहीं पालिए
जो मिला है बस उसे ही संभालिए...
24. बचपन में भरी दोपहरी नाप आते थे पूरा मोहल्ला
जब से डिग्रीयां समझ में आईं पांव जलने लगे...
25. उन्हें ये ज़िद थी हम बुलाएं, हमें ये उम्मीद कि वो पुकारे
है नाम होठों पर अब भी लेकिन, आवाज़ में पड़ गई दरारें...
ये गुलज़ार जी की लिखी हुई कुछ शायरी थी ,जो इंसान को किसी भी स्तिथि में गिरकर ,खड़े होने का बल देती हैं ,किसी भी खराब मूड को आप गुलज़ार हिंदी शायरी पढ़कर , गुलज़ार जी के गीत सुनकर अपने मन को शांत कर सकते हो और आगे बढ़ने के प्रेरणा ले सकते हैं |