अन्नदाताओं का मसला है। कानून घिर गया।
ठंड़ीयो से खेलेंगे, दिल्ली बॉर्डर को घेरेंगे।
कोरोना को डंडा-लाठियों से किसान पिटेंगे।
दिल्ली में घुसने की देरी है, अब किसानों की बारी है।काला कानून वापस लेने की तैयारी है। जय किसान।
जिसको आना है बॉर्डर आओ, बुराड़ी को न जाना है।
कोरोना मर गया। दिल्ली में फस गया।
कोरोना चुनाव की रैली में पीस गया।
पन्द्रह लाख दीपजलाने से कोरोना जल गया।
किसानों को अब यमुना में, राख सेराना है।
भारतीय किसानों का आंदोलन है, यह जाति, धर्म,का मसला नही, यह अन्नदाताओं का मसला है।