किसान/ प्रशासन
अगर भूला भटका किसान को मिले तो उसे अपना साथी बनाकर खेतों के रास्ते गाँव घर तक ले जाते है। और पेट भरकर भोजन खिलाते है। उसके अपने जब तक न मिल जाए।
वही अगर प्रशासनिक अधिकारी को मिले तो सबसे पहले प्रताण्डना, फिर जेल, जाँच, भोजन के नाम पर रोटी पातर दाल। जब उसका कोई अपना मिले तो जुर्माना।